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जिला विद्यालय निरीक्षक भवन
नया सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है। इसको लेकर किताब विक्रेताओं व स्कूल प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है, मगर किताबों की कालाबाजारी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। अब उनकी चुप्पी का फायदा स्कूल प्रबंधन खुलेआम उठा रहे हैं।
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महानगर में विभागीय अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत से खुलेआम अभिभावकों कि जब को लूटने का काम किया जा रहा है। हर साल शैक्षिक सत्र बदलने के बाद किताबों को भी बदल दिया जाता है। ऐसे ही लगाया जा सकता है कि स्कूल प्रशासन और प्रबंधन की मिली भगत से किताबों की धांधली का काम खेल शुरू हो गया है। इसको लेकर रूपरेखा पहले ही तैयार कर ली जाती है। हर साल किताबों के कर को बदल दिया जाता है। जबकि अंदर का पाठ्यक्रम सेम ही होता है। भले ही स्कूल प्रशासन की मनमानी अभी भी जारी हो, मगर अभिभावकों ने अब नया तरीका अपनाया है। अभी आओ पिछले कुछ सालों से ग्रुप के माध्यम से बच्चों के कोर्स की अदला बदली कर लेते हैं ताकि उनकी जेब पर असर न पड़े क्योंकि हर वर्ष केवल किताबों का कवर चेंज होता है, लेकिन पाठ्यक्रम सेम होता है। फिलहाल जो बच्चा कक्षा आठवीं पास कर नवी में जाता है तो यह अभिभावक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क कर कोर्स की अदला बदली कर लेते हैं। उसके बाद भी किताबों की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस समस्या पिछले तीन माह से अभिभावक संघ लगातार जिला प्रशासन को ज्ञापन दे रहा है ताकि कोर्स में बदलाव न किया जाए, उसके बाद भी कोई समाधान अभी तक नहीं निकल सका है।
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नया सत्र अगले 10 दिनों के अंदर शुरू होने वाला है
मुरादाबाद पेरेंट्स ऑफ ऑल स्कूल के अध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि पिछले कई सालों से हम लोग संघर्ष कर रहे हैं मगर अभी तक कोई भी हल नहीं निकल सका है पूर्व में भी कई बार डीएम व कमिश्नर द्वारा जांच की गई जिसमें पाया गया कि हर साल स्कूल प्रबंधन द्वारा कोर्स में बदलाव किया जाता है इसके बाद भी कोई अभी तक इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है उन्होंने कहा कि नया सत्र अगले 10 दिनों के अंदर शुरू होने वाला है अभी तक जिला विद्यालय शुल्क समिति की बैठक नहीं की गई है। जबकि पूर्व में कई बार ज्ञापन भी दिया जा चुका है। बताया कि स्कूल प्रबंधन और किताब विक्रेताओं की मिलीभगत से कोर्स बदलते हैं जिसका कर अभिभावकों की जेब पर पड़ता है इस पर जल्द से जल्द रोक लगनी चाहिए और सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की बुक लागू की जानी चाहिए। पूर्व में एन ए पी 2020 ने भी सभी स्कूलों में एनसीईआरटी बुक लगाने के लिए बोला था। उसके बाद भी प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक अधिकांश स्कूलों में लगाई जाती हैं।
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जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र पांडे का कहना है कि बोर्ड परीक्षाओं के चलते जिला विद्यालय शुल्क समिति की बैठक नहीं हुई है। जिसको जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जल्द ही आयोजित किया जाएगा। इस बैठक में अभिभावक स्कूल प्रबंधन व अन्य सभी उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि हर साल बदलाव किया जाता है जो गलत है इसको लेकर जल्द से जल्द हल निकाला जाएगा ताकि अभिभावकको की जेब पर असर न पड़े।
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अभिभावक कविता सचदेवा का कहना है कि मेरा बेटा सातवीं कक्षा में मैं पढ़ता है मैंने अपने बेटे के लिए कोर्स कक्षा आठवीं का अरेंज कर लिया है। क्योंकि हर साल स्कूल प्रबंधन और किताब विक्रेता के साथ मिलकर कोर्स को बदल देते हैं, जिस वजह से हम लोगों की जेब पर असर पड़ता है। जबकि किताबों का केवल कवर चेंज होता है। अंदर का सिलेबस वही होता है।
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