मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (संयुक्त मोर्चा) ने कड़ा रुख अपनाया है। भाकियू नेताओं और स्थानीय जनमानस ने हमले के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और आतंक का प्रतीकात्मक पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया।
दुश्मन देश की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने तीखे शब्दों में कहा, "जब खेतों में किसान और सरहद पर उसका बेटा मुस्तैद है, तब तक कोई दुश्मन देश की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। कश्मीर को आतंक की प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर हमारे पास सबूत हैं, तो पाकिस्तान से दो टूक बात होनी चाहिए। अब समय है निर्णायक एक्शन का। किसान पूरी तरह से देश और सरकार के साथ खड़ा है।"
इस मौके पर मारे गए निर्दोषों को श्रद्धांजलि दी गई। हर आंख नम थी, पर इरादे मजबूत।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयवीर सिंह बोले, "हमले हमें तोड़ नहीं सकते। देश हर बार और ताकतवर बनकर उभरा है।"
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिद्धू ने जोश के साथ कहा, "भारत की असली ताकत उसका किसान है। जो खेत में मेहनत करता है और जरूरत पड़ने पर सीमा पर जान भी न्यौछावर करता है।"
जिला अध्यक्ष राहुल सिद्धू ने देशवासियों से अपील की, "अब चुप रहने का वक्त नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में आवाज़ उठानी होगी। सरकार से मांग करनी होगी कि अब सिर्फ निंदा नहीं, कार्रवाई हो। दुनिया देख रही है कि भारत इस पीड़ा को कैसे जवाब देता है।"
इस विरोध सभा में भारी संख्या में किसान मौजूद थे—हर चेहरा संकल्प से भरा, हर मुट्ठी बंधी हुई। इनमें विजयवीर सिंह, अरुण सिद्धू, नितिन चौधरी, नितिन गोस्वामी, ओम प्रकाश दरोगा, अभिषेक भुल्लर, और अन्य प्रमुख नेता शामिल रहे।
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