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नोएडा में 200 करोड़ की फर्जी FD मामले में 25 हजार का इनामी गिरफ्तार, 3.90 करोड़ किए गए ट्रांसफर

नोएडा प्राधिकरण की 3.90 करोड़ की एफडी ट्रांसफर मामले में क्राइम ब्रांच और थाना सेक्टर-58 पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान वरुण कुमार त्यागी हुई है । पुलिस ने इस पर 25 हजार का इनाम रखा था। आरोपी बैंक में प्राधिकरण का कर्मी बनकर गया था।

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Mukesh Pandit
Froud Arresting

नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। 

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नोएडा प्राधिकरण की 3.90 करोड़ की एफडी ट्रांसफर मामले में क्राइम ब्रांच और थाना सेक्टर-58 पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान वरुण कुमार त्यागी हुई है । पुलिस ने इस पर 25 हजार का इनाम रखा था। आरोपी बैंक में प्राधिकरण का कर्मी बनकर गया था। इसकी गिरफ्तारी राम नगर एक्सटेंशन थाना मानसरोवर पार्क से गिरफ्तार किया गया।  वरूण कुमार त्यागी ने बताया कि वो इस फर्जी वाड़े में शामिल था।

त्यागी ने बताया कि उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर नोएडा विकास प्राधिकरण की 200 करोड रुपये की फर्जी एफडी बनावाई। इसे नोएडा विकास प्राधिकरण को दी। साथ ही एफडी के खाते में जमा 200 करोड रुपये को 03 तीन खातों में करीब 3.90 करोड़ रूपये ट्रांसफर किया गया। जब 9 करोड रुपये ट्रांसफर कर रहे थे बैंक को शक हो गया। हमारे एक साथी अब्दुल को पुलिस ने पकड लिया। ये पैसा हमारे साथियों ने दिल्ली से हवाला के जरिए कैश में लिया।  

पहले समझें क्या है मामला 

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प्राधिकरण ने  बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर-62 को 200 करोड़ रुपए की एफडी करने को दी। इस संबंध 21 जून 2023 को बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोलने के लिए एक पत्र बैंक भेजा गया। बैंक ने 23 जून को खाता खोला और जानकारी प्राधिकरण को दी। 26 जून 2023 को एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 और  इंडियन बैंक सेक्टर-61 के खातों से 100-100 करोड़ यानी कुल 200 करोड़ रुपए बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर किए गए। और बैंक प्रबंधक से एफडी बनाने को कहा गया। बैंक ने 100-100 करोड़ की दो एफडी 26 जून 2023 को बना दी। 

9 करोड़ के ट्रांजेक्शन को फ्रीज कर दिया

3 जुलाई 2023 को बैंक ऑफ इंडिया शाखा सेक्टर-62 द्वारा दिये गये एफडी की पुष्टि करने के लिये प्राधिकरण का कर्मी बैंक शाखा गया। यहां पता चला कि बैंक द्वारा 200 करोड़ की कोई एफडी नहीं की गई।  बल्कि उस खाते से 30 जून 2023 को 3.90 करोड़ किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। साथ ही 9 करोड़ रुपये और ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। शिकायत मिलते ही बैंक ने ट्रासंफर किए जाने वाले 9 करोड़ के ट्रांजेक्शन को फ्रीज कर दिया। पुलिस को शिकायत की गई। 

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जांच में बहुत से फर्जी हस्ताक्षर किए गए पत्र मिले। साथ ही जो बैंक के द्वारा दी गई 100-100 करोड़ की एफडी भी फर्जी मिली। ये भी पता चला कि बैंक में प्राधिकरण द्वारा खोले गये खाते को अब्दुल खादर नामक व्यक्ति द्वारा संचालित किया गया। जांच में सामने आया कि प्राधिकरण द्वारा एफडी कराने के लिए भेजा गया पत्र बैंक ऑफ इंडिया मिला ही नहीं। क्योंकि इसे जालसाजी के लिए बदल दिया गया। इस पूरी साजिश का कर्ता धरता मन्नू भोला था।  

अब तक नौ लोगों की गिरफ्तार

इस मामले में अब तक अब्दुल खादर, राजेश पाण्डेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, मन्नू भोला, त्रिदिब दास, राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा,अजय कुमार पटेल की पूर्व में गिरफ्तारी की जा चुकी है।

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