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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन डेस्क : ग्रेटर नोएडा के दनकौर ब्लॉक स्थित परिषदीय स्कूलों के छात्रों को अब शिक्षा के साथ आधुनिक सुविधाओं का भी लाभ मिलने जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग दो स्कूलों को पूरी तरह से हाईटेक मॉडल स्कूल में तब्दील करने जा रहा है। इन स्कूलों में कॉन्वेंट स्कूलों जैसी सुविधाएं जैसे स्मार्ट क्लासरूम, कंपोजिट लैब, कंप्यूटर लैब, और दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन दोनों स्कूलों का निर्माण करीब दो करोड़ रुपये की लागत से होगा, जिससे 800 से अधिक छात्र-छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा। निर्माण कार्य के लिए स्कूलों का चयन कर लिया गया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
होगी आधुनिक स्कूल बिल्डिंग
डीसी निर्माण अधिकारी अविनाश कुमार ने जानकारी दी कि चयनित स्कूलों की वर्तमान बिल्डिंगें जर्जर हो चुकी हैं, जिससे छात्रों की सुरक्षा और पढ़ाई दोनों प्रभावित हो रही थीं। इसे देखते हुए नए भवनों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। कई कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) संगठनों ने इस कार्य में सहयोग की पेशकश की है, जिनकी मदद से विद्यालय भवनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि नए भवनों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इसमें प्रैक्टिकल-आधारित, समग्र और एकीकृत शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि छात्रों को वास्तविक जीवन की स्थितियों से जोड़कर पढ़ाई कराई जा सके।
नई सुविधाओं में शामिल होंगी
- स्मार्ट क्लासरूम
- कंप्यूटर लैब और निपुणशाला
- साइंस और रोबोटिक्स के लिए मॉड्यूलर कंपोजिट लैब
- स्मार्ट गणित और विज्ञान लैब
- बाल वाटिका और न्यूट्रिशन गार्डन
- दिव्यांग छात्रों के लिए रैंप, रेलिंग और सहायक उपकरण
- आरओ वाटर, हैंडवॉश स्टेशन और मिड डे मील के लिए विशेष किचन
- सोलर पैनल और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
- कनफ्रेंस रूम और स्टाफ फैसिलिटी
सीएसआर मॉडल से बन चुके हैं कई दो-मंजिला स्कूल
राहुल पंवार ने बताया कि जिले में पहले भी CSR की मदद से कई दो-मंजिला स्कूल भवन बनवाए जा चुके हैं, जो अब अन्य स्कूलों के लिए आदर्श बन रहे हैं। अब इसी मॉडल को आगे बढ़ाते हुए दनकौर ब्लॉक के दो स्कूलों को चुना गया है, जिनमें सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति, बेहतर आधारभूत संरचना, और तकनीकी संसाधनों से लैस ये स्कूल न सिर्फ छात्रों की उपस्थिति बढ़ाएंगे, बल्कि सरकारी स्कूलों की छवि भी बदलने का काम करेंगे। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में यमुना प्राधिकरण का भी सहयोग मिल रहा है। प्राधिकरण द्वारा भूमि, संसाधन और तकनीकी सहयोग की दिशा में मदद की जा रही है, जिससे कार्य में तेजी आई है।