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DCP Shakti Mohan Awasthi
नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क।
थाना बिसरख पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के जरिए जन्मप्रमाण पत्र, आधार कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, बिजली का बिल, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह को पकड़ा है। इस गिरोह के नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया । इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले बिल, मोहर और अन्य सामान मिला है। एक फर्जी दस्तावेज के लिए 3000 रुपए लिए जाते थे। पिछले छह साल से काम किया जा रहा था। ये लोग उन बच्चों का आधार कार्ड बनाते थे जिनका बायोमैट्रिक नहीं होता था।
लोकल इंटेलिजेंस पर हुई कार्रवाई
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना बिसरख पुलिस को लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) के माध्यम से सूचना मिली की महागुन मार्ट गौर सिटी-2 ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित शॉप यो केपिटल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में दुकानदार व उसके साथियों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे। पुलिस ने यहां छापा मारा और नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान गैंग लीडर अजय कुमार जयसवाल, अंकित कुमार, दीपक, विशेष कुमार, आकाश, अमित विश्वकर्मा, आशुतोष पाण्डे, सुखपाल और शानू के रूप में हुई है।
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पढ़े लिखे और गिरोह की तरह बनाते थे फर्जी दस्तावेज
डीसीपी ने बताया कि दुकान मालिक अजय कुमार जयसवाल एमबीए पढ़ा हुआ है। कस्टमर से कागजात को तैयार करने का ऑर्डर लेता है। ये पिछले 6 साल से महागुन मार्ट में दुकान चला रहा है। महीने में लगभग 7 लाख रुपये अवैध रूप से कमाते है। अजय स्वयं और अपने यहां पर काम कर रहे कर्मचारियों से दस्तावेजो में एडिटिंग जन सुविधा केन्द्र/डीजी सेवा की आईडी का प्रयोग कर दस्तावेज तैयार करता है।
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बीसीए और बीटेक के बाद कर रहे थे ये काम
- अंकित कुमार बीसीए है। पिछले दो साल से अजय जायसवाल के साथ काम करता है। कंप्यूटर के जरिए दस्तावेजों को एडिट करने का कार्य करता है। आकाश बीए है। पिछले एक साल से इंडस इण्ड बैंक में केवाईसी अपडेट करने का काम करता है। फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर आधार कार्ड, केवाईसी करने का कार्य करता है। विशेष कुमार बीकॉम है। पिछले एक साल से काम कर रहा है दस्तावेजों में एडिटिंग करने का काम करता है। अमित विश्वकर्मा बीए है। पिछले एक साल से काम कर रहा है। ये भी दस्तावेज एडिट करता है।
- आशुतोष पाण्डे बीटेक है। गाजियाबाद डूण्डा हेड़ा में आशू आधार सेवा केन्द्र के नाम से एक अलग दुकान चलाता है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि बनाने का काम करता है। फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए ये लोग इंद्राप्रिंट शॉप नाम की वेबसाइट का यूज करते है। दीपक कुमार बीए पास है। पिछले डेढ़ साल से काम कर रहा है। फर्जी रेन्ट एग्रीमेंट तैयार कर आधार व पासपोर्ट बनाने का काम करता है। आईजीएल बिल में छेड़छाड़ करके फर्जी दस्तावेज तैयार करता है।
- शानू बी.कॉम है। पिछले एक साल से काम कर रहा है जो आन डिमांड फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनाने का काम करता है। सुखपाल इंडसइंड बैंक में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है। इसकी बेटी ज्योति अजय जयसवाल के साथ मिलकर काम करती है जो अपने पिता के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज का प्रयोग कर इंडसइंड बैंक में कार्यरत कर्मचारी से केवाईसी करवाता है।
जाने कैसे बनाते थे दस्तावेज
तीनों शातिर फर्जी दस्तावेज तैयार कर नया आधार कार्ड अपडेट, जन्म प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, रेन्ट एग्रीमेंट, निवास प्रमाण पत्र आदि तैयार करते थे। जिनके कागजात पूरे नहीं होते हैं तो यह अपनी तरफ से फर्जी बिल, फर्जी दस्तावेज लगाकर उसके सरकारी कागजातों को अपडेट करा देते थे। केवाईसी अपडेट कराने के लिए उन कस्टमर को इंडसइंड बैंक क्रॉसिंग रिपब्लिक में भेजते थे।
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बैंक का गार्ड सुखपाल भी मिला हुआ
जहां बैंक का गार्ड सुखपाल व केवाईसी करने वाला व्यक्ति आकाश आधार कार्ड को बनाता है। आवश्यकता अनुसार अपडेट भी करते हैं। इंडसइंड बैंक में कार्यरत गार्ड सुखपाल की बेटी ज्योति इसी दुकान में नौकरी करती है जो कि अपने पिता सुखपाल के माध्यम से इंडसइंड बैंक में केवाईसी अपडेट करने वाले आकाश से सांठगांठ करके आधार कार्ड फर्जी तैयार कराते है। इस कार्य के लिए सुखपाल व आकाश रुपये प्राप्त करते है।
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3000 रुपए एक दस्तावेज
एक फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए ये लोग 3000 रुपए लेते थे। डीसीपी ने बताया कि ये लोग रोजाना करीब 15 हजार रुपए कमाते थे। करीब महीने में सात से आठ लाख रुपए। विगत छह साल से ये इस काम लिप्त है। ऐसे में सैकड़ों की संख्या में फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए।