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Pathways School में नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ की जांच दिल्ली पुलिस करेगी

सुप्रीम कोर्ट ने  ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नोएडा से दिल्ली ट्रांसफर करने का दिया आदेश। सेक्टर-100 स्थित पाथवेज स्कूल में अक्तूबर 2023 को नाबालिग छात्रा के साथ हुई थी घटना। नहीं था नोएडा पुलिस पर भरोसा...

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Mukesh Pandit
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Pathwaes

सांकेतिक तस्वीर

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नोएडा ,वाईबीएन नेटवर्क।

सेक्टर-100 स्थित पाथवेज स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ और मारपीट के मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस करेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने केस की जांच को नोएडा से हटाकर दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। पीड़िता के पिता ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाते अक्टूबर 2023 में याचिका दायर कराई थी।

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अक्टूबर 23 में कराई थी FIR

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नोएडा के थाना सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर-100 में पाथवेज स्कूल है। स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ने वाली छात्रा के पिता ने 13 अक्टूबर 2023 को एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि छेड़छाड़ का विरोध करने पर स्कूल परिसर में उनकी नाबालिग बेटी को पांच छात्रों ने लात-घूंसों से पीटा और भविष्य में जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित पक्ष ने प्रकरण की शिकायत स्कूल के निदेशक और प्रधानाचार्य से लिखित व मौखिक की थी। सुनवाई न होने के बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 

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स्कूल प्रबंधन ने डाला था केस वापस लेना का दबाव

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छात्रा के पिता का कहना है कि उन्होंने मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही सर्वोच्च न्यायालय याचिका दायर कराई थी। उनकी मांग थी कि केस की जांच को उत्तर प्रदेश से हटाकर दिल्ली के किसी थाने में या वहां की क्राइम ब्रांच द्वारा कराई जाए। पीड़ित पक्ष ने की ओर से तर्क रखते हुए अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायालय में सुनवाई के दौरान तर्क दिए थे कि पुलिस द्वारा केस की गहनता से जांच नहीं की गई है। आरोपियों के न तो मोबाइल फोन जब्त किए और न ही उनके सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की। साथ ही कहा था कि पुलिस और स्कूल प्रबंधन द्वारा याचिकाकर्ता पर केस वापस लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। उन्हें धमकाया जा रहा है।

सभी आरोपी नाबालिग

निष्पक्ष जांच के लिए केस को दिल्ली ट्रांसफर किया जाना बेहद जरूरी है। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता की ओर से न्यायालय में कहा गया कि सभी आरोपी नाबालिग हैं और उनके ऊपर लगे आरोप झूठे हैं। पीड़ित पक्ष द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते जांच पूरी नहीं हो पा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की मांग मानते हुए केस की जांच को दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।

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