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नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को पेपरलेस बनाने के लिए अब ई-फाइल प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर विकसित कर लिया गया है और अब डेटा अपलोड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण अपना खुद का डेटा सेंटर बनाने की योजना बना सकता है। हालांकि, डेटा सेविंग के लिए प्राधिकरण ने नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी) को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं मिला है। प्राधिकरण के पास डेटा को क्लाउड पर रखने का विकल्प भी है, लेकिन प्राथमिक रूप से खुद का डेटा सेंटर बनाने की योजना है।
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इस नई प्रणाली से नोएडा प्राधिकरण का कार्य डिजिटल रूप में परिवर्तित हो जाएगा और फाइलिंग प्रक्रिया भी अधिक तेज होगी। अब फाइलों को ढूंढने और उन्हें एक मेज से दूसरी मेज तक पहुंचाने की आवश्यकता नहीं होगी। अधिकारी एक्सेस के जरिए सॉफ्टवेयर पर लॉगिन करेंगे और फाइल नंबर डालते ही वह फाइल उनके डेस्कटॉप पर उपलब्ध होगी। इसके साथ ही फाइलों में संशोधन और डिजिटल साइन की प्रक्रिया भी की जा सकेगी। इसके बाद मेल द्वारा आवंटियों को लेटर भेजे जा सकेंगे।
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नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि पुराने डेटा को सुरक्षित रखना आसान नहीं है, इसलिए अब से नई फाइलों को ई-फाइल के रूप में ही अपलोड किया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए एक एजेंसी काम कर रही है और सॉफ्टवेयर पहले ही विकसित किया जा चुका है। डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इन फाइलों को सुरक्षित रूप से अपलोड किया जाएगा। प्राधिकरण खुद का डेटा सेंटर बनाएगा, क्योंकि निजी कंपनियों से डेटा सेविंग में सुरक्षा से संबंधित समस्या हो सकती है। हाल ही में प्राधिकरण के सीईओ ने एनआईसी को पत्र लिखकर डेटा स्पेस मांगा था, लेकिन अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया।
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अब प्राधिकरण के पास दो विकल्प हैं, एक क्लाउड और दूसरा खुद का डेटा सेंटर बनाना। प्राधिकरण अब खुद का डेटा सेंटर बनाने के लिए कार्य कर रहा है, ताकि मजबूत सुरक्षा के साथ डेटा स्टोर किया जा सके। नोएडा प्राधिकरण ने 17 अप्रैल 1976 को स्थापना के बाद 2017 में फाइलों को डिजिटल करने की मुहिम शुरू की थी, जिसमें हजारों फाइलों का डेटा डिजिटल किया गया था। हालांकि, ई-फाइल प्रक्रिया डिजिटल फाइलिंग से अलग है। इस ई-फाइल प्रक्रिया में सभी कार्य वैसे ही होंगे, जैसे कागजी फाइलों पर होते हैं, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर पर होगी। खास बात यह है कि इस ई-फाइल को कहीं से भी लॉगिन करके एक्सेस किया जा सकेगा, बशर्ते संबंधित व्यक्ति के पास उस पर एक्सेस अधिकार हो।