/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/17/LtOtTUeK7UeJeXfyeurV.jpg)
/
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
ग्रेटर नोएडा, आईएएनएस । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 139वीं बोर्ड बैठक में शनिवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया, साथ ही स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में भी अहम घोषणाएं की गईं।
बैठक में किसानों के लीजबैक मामलों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। अब लीजबैक के निर्णयों में यदि कोई लिपिकीय त्रुटि (जैसे लाभार्थी का नाम, क्षेत्रफल आदि) पाई जाती है तो उसे सुधारने के लिए हर बार बोर्ड बैठक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए प्राधिकरण के सीईओ को अधिकृत किया गया है। सीईओ की ओर से गठित समिति संबंधित अभिलेखों की जांच कर अपनी संस्तुति देगी, जिसके आधार पर सीईओ लिपिकीय त्रुटि को अनुमोदित कर सकेंगे। इससे बैकलीज प्रक्रिया में तेजी आएगी और अनावश्यक देरी से बचा जा सकेगा।
प्राधिकरण ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में 29,300 वर्ग मीटर भूखंड 5,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से आवंटित करने पर सहमति जताई है। इस भूखंड पर करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक अस्पताल का निर्माण किया जाएगा, जो तीन वर्षों में पूरा होगा। यह अस्पताल क्षेत्र की फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए बड़ी सुविधा साबित होगा। वर्तमान में जिले में केवल एक ईएसआईसी अस्पताल नोएडा के सेक्टर-24 में स्थित है।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात होने वाले सीआईएसएफ जवानों को अब आवास की सुविधा भी जल्द उपलब्ध होगी। प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रॉन-1ए में निर्मित 812 फ्लैट सीआईएसएफ को आवंटित करने का फैसला लिया है। ये फ्लैट्स एमआईजी और एलआईजी श्रेणी के हैं। इनकी कीमत तय कर सीआईएसएफ को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 192 फ्लैट पुलिस, कोर्ट, जिला प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों को भी आवंटित किए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह बोर्ड बैठक किसानों, श्रमिकों और सुरक्षा बलों के हित में महत्वपूर्ण निर्णयों से भरपूर रही।