नोएडा, वाईबीएन डेस्क। साइबर अपराधियों ने मनि लॉड्रिंग, ड्रग्स तस्करी समेत अन्य केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर युवती के साथ 14 लाख रुपये की ठगी कर ली। युवती को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। पीड़िता की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने कथित नामजद आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।
फोन नंबर पर 17 एफआईआर दर्ज
पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-50 निवासी निधि सिंह ने बताया कि इसी साल जनवरी में उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। दूसरी तरफ से कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का कर्मचारी अंकित कुमार बताया। उसने निधि से कहा कि उसके मोबाइल नंबर पर 17 एफआईआर दर्ज हैं और जल्द ही फोन काट दिया जाएगा। यह केस अलग-अलग राज्यों में दर्ज हुआ है। ठगों से कुछ देर बात करने के बाद निधि को एहसास हुआ कि कथित अंकित ने जो नंबर बताया है, वह उसका नहीं है।
लेकिन ठगों ने जोर देकर कहा कि केस उसके नाम पर ही दर्ज हुआ है। ठगों ने यह भी कहा कि वे शिकायत दर्ज कराने में उसकी मदद करेंगे। इसके बाद ठग ने मुंबई के अंधेरी थाने में एक पुलिस कांस्टेबल को कॉल ट्रांसफर करने का नाटक किया। कथित पुलिसकर्मी ने निधि को फर्जी टेलीकॉम कर्मचारी की सारी जानकारी बताई और कहा कि वह शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे सही विभाग में ट्रांसफर कर देगा।
ठगों ने निजी लाइफ की जानकारी जुटाई
निधि को तब प्रदीप सावंत नाम के किसी व्यक्ति का वीडियो कॉल आया, जिसने पहले तो उसे अपना चेहरा दिखाया लेकिन फिर बयान रिकॉर्ड करने के लिए अपना कैमरा बंद कर दिया। ठग कथित सावंत ने निधि को वीडियो कॉल पर रखा और उसकी मदद करने का नाटक किया। अचानक, सायरन की आवाज आई। इसके बाद ठगों ने निधि से पूछताछ करनी शुरु कर दी। उसके परिवार के बारे में व्यक्तिगत सवाल पूछे। यह पूछने का दिखावा भी किया कि क्या वह ड्रग्स लेती है।
बैंक जाकर रकम की ट्रांसफर
गिरफ्तारी से बचने के लिए निधि को उसके खाते में जमा सारी रकम को अन्य खातों में ट्रांसफर करने को कहा गया। जांच के बाद रकम मूल खाते में वापस करने का दावा भी ठगों ने किया। खाते की जानकारी ठगों ने निधि को दे दी। निधि ट्रांसफर की प्रक्रिया के लिए बैंक गईं। इस दौरान भी ठग वीडियो कॉल से उसकी निगरानी करते रहे। शिकायतकर्ता युवती ने ठगों द्वारा दिए गए बैंक खाते में 14 लाख रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर कर दी। निधि घर जाते समय डरी हुई थीं क्योंकि ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल पर रखा हुआ था।
खातों को कराया जा रहा फ्रीज
जब उनकी मां ने बेटी के संदिग्ध व्यवहार को देखा, तो उन्होंने बात की और महसूस किया कि निधि के साथ ठगी हुई है। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई है। डीसीपी प्रीति यादव ने बताया कि जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है उन खातों की जांच की जा रही है।
पुलिस, एजेंसियां डिजिटल अरेस्ट कर पूछताछ नहीं करती
पुलिस या कोई भी एजेंसी किसी को डिजिटल अरेस्ट कर पूछताछ नहीं करती है। उन्होंने लोगों को अनजान कॉल पर विश्वास न करने की अपील की। शिकायतकर्ता युवती का कहना है कि उसने ठगी में जो रकम गंवाई है वह उसकी अबतक की जमा पूंजी थी।