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Noida प्राधिकरण 9 हजार करोड़ वापसी के लिए जारी करेगा नोटिस, CBI और ED करेगी जांच

sports city project में ED और CBI की जांच से पहले प्राधिकरण ने बकाया वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है। करीब 9 हजार करोड़ वापस लेने के लिए 4 कंसोर्टियम कंपनियों और 84 सब डिविजन कंपनियां को नोटिस जारी किया जा रहा है।

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YBN News
Noida Authority

Photograph: (google)

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नोएडा। वाईबीएन नेटवर्क।

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स्पोर्टस सिटी परियोजना में ED और CBI की जांच से पहले प्राधिकरण ने बकाया वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है। करीब 9 हजार करोड़ वापस लेने के लिए 4 कंसोर्टियम कंपनियों और 84 सब डिविजन कंपनियां को नोटिस जारी किया जा रहा है। कंसोर्टियम कंपनियों को नोटिस में कहा जाएगा कि वे अपनी सब लीज कंपनियों से पैसा लेकर प्राधिकरण में जमा कराए। इस मामले में हाइकोर्ट ने 18 फैसले सुनाए थे। इन फैसलों में दिए गए अदेशानुसार बकाया वापस लेने के लिए नोटिस की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

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स्पोर्टस सिटी के बकायादारों के नोटिस तैयार किए

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नोएडा के स्पोर्टस सिटी परियोजना में चार कंसोर्टियम बिल्डर और 84 सब लीज बिल्डरों पर करीब 9 हजार करोड़ रुपए बकाया है। ये वो पैसा है जिसे लैंड आवंटन के बाद बिल्डरों ने प्राधिकरण में जमा नहीं किया। कोर्ट के आदेश में स्पष्ट है प्राधिकरण अपना बकाया वापस लेने के लिए नोटिस व सख्त कदम उठा सकता है। आदेश आते ही प्राधिकरण ने स्पोर्टस सिटी के बकायादारों के बकाय का कैल्कुलेशन कर नोटिस तैयार किए है। इसमें अब तक का बकाया जमा करने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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2008 में पहली बार निकाली स्पोर्टस सिटी परियोजना

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नोएडा में स्पोर्टस एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने स्पोर्टस सिटी परियोजना का कांसेप्ट तैयार करने के लिए एक सलाहकार कंपनी ग्रांड थॉर्नटन को हायर किया। 2008 में पहली बार स्पोर्टस सिटी परियोजना के तहत योजना निकाली गई। योजना को 2009 तक बढ़ाया गया। इसके बाद इसमें लैंड को बढ़ाते हुए 2010-11 से 2015-16 के बीच  32 लाख 30 हजार 500 वर्गमीटर जमीन के लिए 2010-11 में सेक्टर-78,79,101,150, साल 2014-15 में सेक्टर-150 और 2015-16 में सेक्टर-152 योजना निकाली गई।

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70 प्रतिशत भूमि का प्रयोग होना था स्पोर्टस सिटी के लिए

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योजना के तहत 70 प्रतिशत भूमि का प्रयोग स्पोर्टस सिटी के लिए और 30 प्रतिशत में आवासीय, ग्रुप हाउसिंग और व्यवसायिक प्रायोजन के लिए था। जिसमें 12 हजार 500 रुपए प्रतिवर्गमीटर दर तय की गई। योजना के तहत जानडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-78,79 और 101 में 727500 वर्गमीटर जमीन, लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को एससी-01/150 में 8 लाख वर्गमीटर, लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड एससी-02/150 को 12 लाख और एटीएस को एससी 01/150 को 5 लाख 3 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई।

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नियमों को ताक पर रखकर बेची गई जमीन

ये जमीन भूमि की कुल लागत का 10 प्रतिशत राशि लेकर किया गया। नियमों को ताक पर रखकर इन चारों बड़े डेवलपर्स ने चारो भूखंडों को 84 सब डिवीजन यानी छोटे-छोटे डेवपर्स को जमीन बेच दी।  जिसमें 46 भूखंडो के नक्शे प्राधिकरण ने अप्रूव किए। लेकिन अब तक मूल चारों आवंटियो ने भूमि आवंटन का पैसा प्राधिकरण में जमा नहीं कराया। अब प्राधिकरण इन मूल आवंटियों और बाकी 48 सब डिवीजन आवंटियों को बकाया वापस करने का नोटिस जारी करने जा रही है।

मार्च 2024 तक चारो बिल्डर पर प्राधिकरण का बकाया

डेवलपर्स                                               भूखंड सेक्टर                     बकाया
जनाडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (कंसोटियम)  सेक्टर-78, 79 ओर 101    1356.88 करोड़
लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड     एससी-01/150                  2964.23 करोड़
लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (कंर्सोटियम)  एससी-02/150    2969.87 करोड़
एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड                 एससी -01/152                   2027.82 करोड़

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