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Photograph: (File)
ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान छह फीसदी विकसित भूखंड, आबादी की लीजबैक, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर किसान पिछले लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इस मामले में शासन द्वारा संज्ञान लिए जाने पर प्राधिकरण ने किसानों से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण का काम तेज कर दिया है।
14 अप्रैल को होगी शिविर में सुनवाई
आगामी 14 अप्रैल तक शिविर लगाकर सुनवाई की जाएगी। इसके बाद अनुमति के लिए प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। सीईओ एनजी रवि कुमार द्वारा निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी गिरीश कुमार झा ने बताया कि 41 गांवों के लीजबैक के 854 नए मामलों की सुनवाई करने के लिए रोस्टर तैयार कर किया गया है। क्रमवार सुनवाई कर यह तय किया जाएगा कि किसानों द्वारा की जा रही दावेदारी कितनी सही है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट दर्ज कर बोर्ड बैठक में रखी जाएगी।
बोर्ड की अनुमति के बाद
बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद लीजबैक की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2010 के शासनादेश से संबंधित लीज बैक के 1451 मामलों को शासन द्वारा सही करार दिए जाने के बाद अब तक 371 किसानों की लीजबैक कर दी गई है। सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि आबादी की लीजबैक, छह फीसदी विकसित भूखंडों का आवंटन, शिफ्टिंग आदि मामलों का निपटारा प्रमुखता के आधार पर किया जा रहा है।
लीजबैक के 854 नए मामलों का होगा निस्तारण
इस साल ज्यादा से ज्यादा समस्याओं का निस्तारण कर दिया जाएगा। लीजबैक के 854 नए मामलों के निस्तारण की तैयारी चल रही है। इसकी सुनवाई करने के लिए रोस्टर जारी कर दिया गया है। आगामी 14 अप्रैल तक ग्रामवार सुनवाई की जाएगी। सुनवाई पूरी होने के बाद बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।