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NOIDA की सुपरटेक केपटाउन सोसायटी के खिलाफ FIR की तैयारी, जानिए क्या है मामला?

नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक केपटाउन सोसायटी पर एसटीपी के जरिए भूजल को दूषित करने का आरोप लगाया है। 27 जून को हुए निरीक्षण के बाद पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज करने की तहरीर थाना सेक्टर-113 में दी गई है।

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Dhiraj Dhillon
Supertech Capetown Society

Photograph: (Google)

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नोएडा, आईएएनएस। Noida News: नोएडा प्राधिकरण इन दिनों लगातार एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने वाली सोसायटी का निरीक्षण कर रहा है और उनके खिलाफ जुर्माना लगाने के साथ-साथ संबंधित थाने में शिकायत भी दर्ज कराई जा रही है। इसी कड़ी में नोएडा प्राधिकरण की पर्यावरण सेल ने सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसायटी का निरीक्षण किया था, जिसमें पर्यावरणीय नियमों का गंभीर उल्लंघन पाया गया था। 

27 जून को अधिकारियों ने किया था निरीक्षण

प्राधिकरण द्वारा 27 जून को किए गए स्थलीय निरीक्षण में यह पाया गया कि सोसायटी में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्धारित मानकों के अनुसार संचालित नहीं किया जा रहा है। इसके कारण अनट्रीटेड सीवेज को सीधे खुले नालों में डाला जा रहा है, जिससे न केवल भूमिगत जल स्रोत दूषित हो रहे हैं बल्कि जन स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। नोएडा प्राधिकरण के प्रबंधक ने थाना सेक्टर-113 में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें सोसायटी के पदाधिकारियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 272 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। यह धारा उन पर लगाई जाती है जो किसी गंभीर बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना रखते हैं। इसके लिए दो वर्ष तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। 

पहले भी लग चुका है बड़ा जुर्माना 

नोएडा प्राधिकरण की शिकायत में यह भी बताया गया है कि सुपरटेक केपटाउन सोसायटी द्वारा सार्वजनिक धन से बने बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ रहे हैं बल्कि सरकारी राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। प्राधिकरण पहले ही पर्यावरण का उल्लंघन करने के चलते 35,80,000 का जुर्माना लगा चुका है। साथ ही, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को समय-समय पर इस संबंध में सूचित भी किया गया है। इसके बावजूद सोसायटी प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। प्राधिकरण ने मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित सोसायटी पदाधिकारियों के खिलाफ तत्काल सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाए और एफआईआर दर्ज कर पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।

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