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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
एयरपोर्ट विस्तार के लिए जनीन अधिग्रहण के लिए धारा-11 की अधिसूचना जारी कर दी गयी है साथ ही दो रनवे व विमान इंजन बनाने का रास्ता साफ हो गया है। अधिसूचना के बाद जिला प्रशासन ने इन 14 गांवों में जमीन की फरोख्त पर रोक लगा दी है। अधिग्रहण से प्रभावित 8,424 परिवरों के पुनर्वास एवं पुनर व्यवस्थपान के लिए एसडीएम को जेवर को प्रशासन नियुक्त कर दिया गया है।
2053 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा
एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में कुल 2053 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इनमें से 14 गांव की 1888.98 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, शेष भूमि प्रशासन के पास पहले से है। भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति मांगी गई थी। अब 70 प्रतिशत से ज्यादा किसान जमीन देने के तैयार हो गए। जिस पर जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया। Noida airport | Noida Authority | greater noida industry | greater noida | noida news
धारा-11 की अधिसूचित जारी कर दी गई
शासन ने जमीन अधिग्रहण की पहली प्रक्रिया धारा-11 की अधिसूचित जारी कर दी है। अधिसूचित जारी होने के बाद अब इन गांवों में जमीन की खरीद फरोख्त नहीं की जा सकती है। इन गांवों में 18 वर्ष से कम उम्र के 10847 बच्चे, 16343 पुरुष और 15243 महिलाएं शामिल है। वहीं, अधिग्रहण से प्रभावित करीब 936 परिवार विस्थापित होंगे। इनमें 7977 पुरुष और 1385 महिलाएं शामिल हैं।
दो रनवे और विमानों के इंजन बनाने वाली कंपनी बनेगी
इस जमीन पर दो रनवे और 750 एकड़ में विमानों के इंजन बनाने वाली कंपनी स्थापित होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट पर क्रॉसिंग और सर्विस रनवे भी बनाए जाएंगे, जिनसे चलकर विमान हैंगर तक पहुंचेंगे। दूसरे चरण की 1365 हेक्टेयर जमीन में 490 एकड़ में एक रनवे बनेगा, सर्विस रनवे बनेगा और करीब 800 एकड़ में एविएशन इंडस्ट्री लगाई जाएगी।
एयरपोर्ट पर कुल पांच रनवे बनेंगे
वर्ष 2025 तक देश में 1800 विमानों की संख्या होने का अनुमान हैं, जबकि वर्तमान में 700 विमान हैं। उसी हिसाब से एमआरओ हब का विकास किया जाना है। एयरपोर्ट पर कुल पांच रनवे बनेंगे। इनमें प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर में एक रनवे बन रहा। वहीं, दूसरे चरण में दो और तीसरे व चौथे चरण में भी दो रनवे बनेंगे। प्रत्येक रनवे के बीच डेढ़ किलोमीटर तक दूरी रहेगी, ताकि सभी स्वतंत्र होकर कार्य कर सके। इससे कम दूरी होने पर रनवे से फ्लाइट को टेकऑफ और लैंडिंग में कोई दिक्कत नहीं होगी।
तीनों प्राधिकरणों को प्रशासन जारी करेगा डिमांड पत्र
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में मुआवजा में साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये का वितरण किया जाएगा। कैबिनेट से नई दरों पर मुहर लगने के बाद नए वित्तीय वर्ष से मुआवजे का वितरण शुरू किया जाएगा। इसमें एयरपोर्ट के सभी स्टेक होल्डर्स को प्रशासन की ओर से मांग पत्र भेजेगा। प्रशासन के आकलन के अनुसार 14 गांवों के साढ़े 14 हजार किसानों को 86 अरब 91 करोड़ 19 लाख 532 रुपये का मुआवजा वितरण किया जाएगा।
37.5 फीसदी की हिस्सेदारी देनी
इसमें तय मानक के अनुसार शासन और नोएडा प्राधिकरण को अलग-अलग 37.5 फीसदी की हिस्सेदारी देनी है। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा 12.25-12.25 फीसदी अदा करेगा। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर 2024 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे चरण के लिए जमीन देने वाले किसानों का मुआवजा 38 फीसदी तक बढ़ाया था। किसानों के साथ संवाद में सीएम ने मुआवजा 3100 रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ाकर 4300 रुपये वर्गमीटर तक करने का ऐलान किया था।
प्राधिकरण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ा
मुआवजे की नई कीमतें तय होने के बाद अब प्राधिकरण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ गया है। इसके साथ ही नोएडा एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन से पहले ही यमुना सिटी में ग्रुप हाउसिंग, व्यावसायिक से लेकर औद्योगिक और अन्य गतिविधियों के लिए जमीन की मांग बढ़ी है। सबसे अहम बात यह है कि अमेरिका की एक बड़ी कंपनी ने अमेरिकन सिटी की परिकल्पना के साथ 100 एकड़ जमीन के लिए 32 करोड़ प्राधिकरण को दे दिया है। जमीन की बढ़ती मांग और मुआवजे के बोझ से बचने के लिए तीनों प्राधिकरण अब जमीन की बढ़ी कीमतों से भरपाई करेंगे।