नोएडा, वाईबीएन डेस्क। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को नोएडा के सेक्टर-125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। यह आयोजन भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया था। राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालयों से समाज में सक्रिय भूमिका निभाने और गरीब बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि हर सरकारी विश्वविद्यालय कम से कम पांच और निजी विश्वविद्यालय दो गरीब छात्रों की पढ़ाई का जिम्मा उठाएं।
टैलेंट को सही दिशा देने की जरूरत
Governor ने छात्रों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि आज के युवाओं में क्षमता है लेकिन वह सोशल मीडिया पर रील बनाकर उसे व्यर्थ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर छात्र अपने टैलेंट को विश्व स्तर पर प्रस्तुत कर सकते हैं। आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों में महिला भागीदारी को बढ़ाने की बात कही। उन्होंने हर संस्थान में कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं को देने की सिफारिश की। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर समुदाय को शिक्षित कर उन्हें मुख्यधारा में लाने के प्रयास की बात भी कही।
टीबी मुक्त भारत और सामाजिक संगठन
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में चार लाख टीबी मरीजों को बिना सरकारी खर्च के इलाज मिला, जिसमें सामाजिक संगठनों की अहम भूमिका रही। उन्होंने शिक्षित लोगों से अपील की कि वह अपने ज्ञान और अनुभव को जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग करें।
कुलपतियों की ट्रेनिंग की वकालत
राज्यपाल ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे अपने क्षेत्रों में ज्यादा उपयोगी साबित हो सकें। उन्होंने कहा कि संस्थान खाली समय में इनक्यूबेशन सेंटर चलाएं, जिससे छात्र स्टार्टअप और नई तकनीक विकसित कर सकें।
नशा छोड़ने और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने का संदेश
अपने संबोधन में उन्होंने नशामुक्ति की भी अपील की और कहा कि जब एक व्यक्ति नशा छोड़ेगा, तभी दूसरों को प्रेरित कर सकेगा। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे गांवों में जाकर जागरूकता अभियान चलाएं और जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाएं।