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Sharda University आत्महत्या मामला, आंतरिक जांच समिति आज सौंप सकती है पुलिस को रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय की छात्रा के आत्महत्या मामले में आंतरिक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे सोमवार को पुलिस को सौंपा जा सकता है। समिति ने छात्रा के परिवार, जेल में बंद प्रोफेसर से पूछताछ कर जांच पूरी की है।

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Ranjana Sharma
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ग्रेटर नोएडा, आईएएनएस:ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा की आत्महत्या मामले की जांच कर रही आंतरिक जांच कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट पुलिस को सौंप सकती है। इस जांच कमेटी ने अब तक छात्रा के परिवार, जेल में बंद प्रोफेसर और अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच पूरी कर ली है। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस कुछ और लोगों पर भी पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों से हो रही पूछताछ

रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि छात्रा की आत्महत्या के पीछे कौन-कौन सी वजहें रहीं और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किस स्तर पर लापरवाही बरती गई। ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट में कुछ और कर्मचारियों या प्रोफेसरों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ और लोगों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने की तैयारी कर रहा है। इससे पहले, जांच समिति ने मृतक छात्रा के परिजनों, दोस्तों, सहपाठियों और विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों से पूछताछ पूरी कर ली है। जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए जा चुके हैं।

मोबाइल और लैपटॉप से कई की जाएगी जांच 

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पुलिस ने मृतक छात्रा का मोबाइल फोन, लैपटॉप, किताबें और आत्महत्या से पहले लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया है। ये सभी चीजें पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर सील कर दी हैं और सुरक्षित रखी हैं। अब पुलिस इन सबको फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए कोर्ट से इजाजत ली जाएगी। फॉरेंसिक जांच के दौरान सुसाइड नोट की राइटिंग का मिलान भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सच में छात्रा की ही लिखावट है या किसी और की। इसके अलावा, मोबाइल और लैपटॉप से यह पता लगाया जाएगा कि आत्महत्या करने से पहले छात्रा ने किन लोगों के संपर्क में थी और उसकी स्थिति कैसी थी। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है। यदि आंतरिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि होती है, तो यह प्रकरण और गंभीर हो सकता है।
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