ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित 59वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले का केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने उद्घाटन किया। यह मेला 16 से 19 अप्रैल 2025 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान मंत्री गिरिराज सिंह प्रदर्शनी हॉल में भी गए और मेले में शिरकत कर रहे सहभागियों से बात की।
भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा का उत्सव
उन्होंने गर्व के साथ कहा कि वो वैश्विक स्तर पर सराहे जाने वाले इस मंच का हिस्सा बन कर गौरवान्वित हैं, जो भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा का उत्सव मनाता है और साथ ही उन्होंने इस मेले को एक प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य बनाने और दुनिया भर के खरीदारों, डिजाइनरों और उद्योग जगत के दिग्गजों को आकर्षित करने वाले मेले के रूप में बदलने के लिए ईपीसीएच को बधाई दी। गिरिराज सिंह ने बात करते हुए कहा कि आज, दुनिया हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित उत्पादों को अपना रही है, जो कि शिल्प के प्रत्येक उत्पाद में छिपे हुनर, अनुभव और मेहनत को सच्चा सम्मान देना है।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/16/9zb33IPoSpjywELRGwzf.jpg)
पारंपरिक शिल्प कला में भारत की विशेषज्ञता
हाल ही में एक एक्सपो के दौरान, एक अमेरिकी व्यवसायी ने हमें आश्वस्त किया कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद इन उत्पादों की मांग बनी रहेगी। पारंपरिक शिल्प कला में भारत की विशेषज्ञता हमें प्रतिस्पर्धा के स्तर पर बढ़त देती है, और अपनी इस ताकत और क्षमताओं के बल पर हम 80 प्रतिशत बाजार में उन्नति की ओर अग्रसर हैं। सस्टेनेबिलिटी और इको-फ्रेंडली मैन्युफैक्चरिंग की ओर विश्व स्तर पर हो रहे बदलावों पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि भारत इस दिशा में नवाचार और नैतिक रूप से तैयार समाधान प्रदान करने की अच्छी स्थिति में है।
निर्य़ात पर पड़ा टैरिफ का असर, गिरीराज
वैश्विक व्यापार के हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर, उन्होंने यह माना कि भारतीय निर्यात पर अमेरिका के बढ़ाए गए टैरिफ का असर पड़ा है, हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत सरकार निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए द्विपक्षीय वार्ताओं और नीतिगत उपायों के माध्यम से सक्रिय रूप से इस पर काम कर रही है। उन्होंने निर्यातकों से आग्रह किया कि वे बाजारों में विविधता लाएं, एफटीए की संभावनाओं का पता लगाएं और अपने प्रॉडक्ट लाइन का विस्तार करें, जिससे विकास की गति बनी रहे।
डिजिटल आउटरीच के जरिए हस्तशिल्प क्षेत्र को मदद
श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार बुनियादी ढांचे के विकास, वित्तीय सहायता, डिजाइन इनोवेशन और डिजिटल आउटरीच के जरिए हस्तशिल्प क्षेत्र को लगातार अपना सहयोग दे रही है। विश्व स्तर पर जारी अनिश्चितताओं और बदलावों के इस दौर को संबोधित करते हुए बैद ने कहा कि हालांकि अमेरिका ने हाल ही में भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए हैं, जिससे नई चुनौतियां पैदा हुई हैं, इसके बावजूद अमेरिकी खरीदारों की ओर से मेले के इस संस्करण के लिए किए गए रजिस्ट्रेशन पहले की तरह ही बने हुए हैं, जो भारतीय शिल्पकारी के प्रति अंतरराष्ट्रीय बाजारों के विश्वास को दर्शाता है।
अपने निर्यात को और विस्तार देंगे
भारत सरकार के निरंतर समर्थन और अमेरिका के साथ पारस्परिक लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के सहयोग से, हमें पूरा यकीन है कि हम आने वाले वर्षों में अपने निर्यात को और विस्तार देंगे। इस दौरान ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद, आईएचजीएफ दिल्ली मेला स्वागत समिति स्प्रिंग के अध्यक्ष निर्मल भंडारी, ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना, ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता, ईपीसीएच के सीओए सदस्य अवधेश अग्रवाल, रवि के पासी, ओ पी प्रह्लादका, राजेश जैन, के. एन. तुलसी राव और प्रिंस मलिक, मेला स्वागत समिति के उपाध्यक्ष नदीम अहमद खान आदि लोग मौजूद रहे।