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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क। ग्रेटर नोएडा स्थित उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) दफ्तर में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। एंटी करप्शन टीम ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए बीटा-2 थाना क्षेत्र में स्थित रेरा कार्यालय से एक अकाउंटेंट को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने फरार होने की कोशिश की, लेकिन टीम ने तत्काल पीछा कर उसे धर दबोचा। आपको बता दें कि बिल्डरों के शोषण से बचाने के लिए यूपी रेरा का गठन किया गया है। बिल्डर पीड़ित यहां अपनी शिकायत देकर न्याय पा सकते हैं लेकिन एटाउंटेंट द्वारा रिश्वत लिए जाने के खुलासे ने सबको चौंका दिया है, लोगों का कहना है कि चौकीदार के ही चोर बनने जैसी स्थिति हो गई।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित कुलदीप कुमार सिंह, जो एक सरकारी कर्मचारी और होम बायर हैं, ने शिकायत की थी कि उनके फ्लैट के पजेशन में देरी के मामले के निपटारे के एवज में अकाउंटेंट ने उनसे 55 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने 2018 में एक बिल्डर प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदा था, लेकिन 2025 तक भी उन्हें पजेशन नहीं मिला। पीड़ित ने रेरा में बिल्डर की शिकायत की तो एकाउंटेट हरेंद्र गोस्वामी ने पीड़ित पर रिश्वत देने का दवाब बनाया। इस पर कुलदीप ने मेरठ स्थित एंटी करप्शन सेल में शिकायत की और फिर एंटी करप्शन सेल की टीम के निर्देशन में एकाउंटेंट को पांच हजार रुपये बतौर पेशगी देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करा दिया। गिरफ्तारी के वक्त आरोपी अकाउंटेंट ने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया।
इस घटनाक्रम के बाद यूपी रेरा में कामकाज पर सवाल उठने लगे हैं। होम बायर्स का कहना है कि जिस संस्था पर उन्हें न्याय दिलाने की जिम्मेदारी थी, वहीं पर रिश्वतखोरी हो रही है। बायर्स ने पूरे विभाग में व्यापक स्तर पर जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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