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Crime News: नौकरी का झांसा देकर 25 युवकों को बनाया बंधक, मारपीट कर वसूले 26-26 हजार रुपए, 15 आरोपी गिरफ्तार

प्रयागराज यमुनानगर के नैनी इलाके में मंगलवार की रात एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। आशीर्वाद गेस्ट हाउस में सरकारी नौकरी का झांसा देकर राजस्थान से आए 25 युवकों को कमरे में बंधक बनाकर रखा गया।

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Abhishak Panday
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नौकरी के नाम पर बेरोजगारों को बंधक बनाकर लूटने वाला गैंग, 15 आरोपित गिरफ्तार और बरामद कार। Photograph: (पुलिस)

प्रयागराज, वाईवाईबीएन संवाददाता प्रयागराज यमुनानगर के नैनी इलाके में मंगलवार की रात एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। आशीर्वाद गेस्ट हाउस में सरकारी नौकरी का झांसा देकर राजस्थान से आए 25 युवकों को कमरे में बंधक बनाकर रखा गया। उनसे मारपीट कर 26-26 हजार रुपए वसूले गए और जान से मारने की धमकी दी गई। एक पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने छापेमारी की और सभी युवकों को मुक्त कराया। इस दौरान पुलिस ने15 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर गैंग से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

नौकरी का झांसा देकर बुलाया प्रयागराज

राजस्थान के झुंझुनू निवासी गोपीचंद्र ने बताया कि उनके परिचित रविंद्र ने फोन कर कह कि मैं सरकारी नौकरी कर रहा हूं। तुम्हें भी चाहिए तो प्रयागराज आ जाओ, नौकरी मिल जाएगी। गोपीचंद्र ने बताया कि वह रविंद्र को जानते थे तो नौकरी की आस में गोपीचंद्र 23 सितंबर को प्रयागराज पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर रविंद्र और अनीस मिले और दोनों बाइक से उन्हें नैनी स्थित आशीर्वाद गेस्ट हाउस ले गए। गेस्ट हाउस में पहुंचते ही गोपीचंद्र को शक होने लगा। वहां पहले से मौजूद अमित कुमार, सुमित कुमार, सोनू विश्वकर्मा, राजूराम, राजकुमार रायल, सोनू यादव, विश्वजीत, शिव राज सिंह, सुमित, बलराम मीना, मोहित समेत कई युवक मिले। इनसे बात करने के बाद गोपीचंद्र को शक हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद उनका सामान छीन लिया गया और उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया। कहा गया कि नौकरी चाहिए तो 26 हजार रुपए देने होंगे। पैसे नहीं दिए तो जान से हाथ धो बैठोगे।

बंधक बनाकर युवकों से जबरन वसूली

गोपीचंद्र ने बताया कि पैसे न होने पर उन्हें बुरी तरह पीटा गया। डर के साए में उन्होंने एक परिचित से गूगल-पे के जरिए पैसे मंगवाए और आरोपियों को दिए। इसी तरह अन्य युवकों से भी रकम वसूली गई। हर युवक से एक फॉर्म भरवाकर 1100 रुपए अतिरिक्त लिए गए। गेस्ट हाउस में मौजूद पीड़ितों में हितेश सिंह, ईश्वर सिंह, कार्तिक, विकास, हेमसिंह, अजूबा, ललित तिवारी, अभिषेक सचिन कुमार, आशीष यादव, राहुल चौधरी, प्रेमाराम समेत दर्जनों नाम सामने आए। सभी युवकों को सरकारी विभाग में संविदा पर नौकरी और बाद में स्थायी नियुक्ति का लालच दिया गया था।

सूचना पर छापा, गिरोह का भंडाफोड़

किसी तरह हिम्मत जुटाकर गोपीचंद्र ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। साथ ही नैनी थाने में भी संपर्क किया। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने आशिर्वाद गेस्ट हाउस में छापा मारा। वहां से 25 बंधक युवकों को मुक्त कराया गया और 15 आरोपियों को दबोच लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अमित कुमार (25), सुमित कुमार (21), राजूराम (23), राजकुमार रायल (21), सोनू यादव (25), विश्वजीत (21), शिवराज सिंह (19), सुमित (23), बलराम मीना (20), मोहित (21), अनीश (21), रवीन्द्र कुमार (21), साहिल (19), मनोज (20) सभी निवासी राजस्थान और झारखंड निवासी सोनू विश्वकर्मा (30) के रूप में हुई है।

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मास्टरमाइंड झुंझुनू के दो भाई

पुलिस जांच में सामने आया कि इस ठगी का मास्टरमाइंड राजस्थान झुंझुनू के दो सगे भाई अमित और सुमित हैं। दोनों ने तीन महीने पहले प्रयागराज आकर गेस्ट हाउस किराए पर लिया था। इसके बाद राजस्थान और आसपास के जिलों में युवकों को नौकरी का झांसा देकर फंसाना शुरू किया। इस गिरोह ने अब तक करीब 800 युवकों से लाखों रुपए की ठगी की है। इनके तार नोएडा निवासी विजय चौहान और प्रियांशु राव से भी जुड़े हुए हैं, जिन्हें गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। पुलिस इनके पीछे जुट गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरोह बेहद संगठित तरीके से युवाओं को सरकारी नौकरी के नाम पर फंसाता था। सबसे पहले फोन पर संपर्क कर भरोसा दिलाते, फिर प्रयागराज बुलाकर इंटरव्यू का ड्रामा रचते और गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर मोटी रकम वसूलते। मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, फिलहाल अभी जांच चल रही है।

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