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फाइल फोटो Photograph: (Social Media)
प्रयागराज वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 558 राजकीय सहायता प्राप्त मदरसों की जांच पर रोक लगा दी है। और राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 17नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया व दो अन्य की याचिका पर दिया है।
मानवाधिकार आयोग व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी
याची का कहना था कि धारा 36 (2) के तहत मानवाधिकार हनन की घटना के एक साल के भीतर ही आयोग जांच करा सकता है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में तारीख नहीं लिखी है इससे पता करना कठिन है कि शिकायत एक साल के भीतर की गई है या नहीं। इसलिए एक साल बाद मानवाधिकार हनन के आरोप की जांच कराने का आयोग को अधिकार नहीं है। हालांकि सरकारी वकील ने कहा कि घटना की जांच जरूरी है। मामला आर्थिक अपराध से भी जुड़ा है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और जांच कार्यवाही पर रोक लगाते हुए मानवाधिकार आयोग व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी की है।
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