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यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। फाफामऊ क्षेत्र में शराब माफिया के हमले में 14 दिन पहले घायल हुए ट्रक चालक वीरेंद्र कुमार (40) की इलाज के दौरान मौत हो गई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि घटना के तुरंत बाद परिजनों ने तहरीर भी दे दी लेकिन पुलिस ने मामला दबाए रखा। जब घायल की मौत हो गई तो पुलिस ने आननफानन में 14 दिन बाद आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण आरोपी खुलेआम घूमते रहे। घटना के 14 दिन बाद जब वीरेंद्र की मौत हुई, तब जाकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। मामले को लेकर परिजनों के साथ ही ग्रामीणाें में भारी आक्रोश है।
बाइक से मारी थी टक्कर, हादसा दिखाने के लिए रची साजिश
थरवई थाना क्षेत्र के बहमलपुर गांव निवासी वीरेंद्र कुमार पेशे से ट्रक चालक थे। 23 सितंबर को वह शिवगढ़ में ट्रक खड़ा कर बाइक से घर लौट रहे थे। रास्ते में गुफा मंदिर के पास हवाई अड्डे के समीप मान सिंह नामक युवक ने अपनी बाइक से उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। परिजनों का आरोप है कि मानसिंह शराब माफिया है बताया जा रहा है कि मान सिंह उस समय बाइक पर अवैध शराब लादे हुए था और उसे बेचने जा रहा था। टक्कर के बाद जब वीरेंद्र घायल होकर सड़क पर गिर पड़े तो आरोप है कि मान सिंह ने घटना को छिपाने और खुद को बचाने के लिए उन पर शराब उड़ेल दी, ताकि मामला शराब के नशे में दुर्घटना का लगे। इसी बीच वहां मौजूद सीआरपीएफ के एक जवान ने वीरेंद्र के परिजनों को घटना की सूचना दी।
होश आने पर वीरेंद्र ने बताई पूरी घटना
परिजन मौके पर पहुंचे और घायल वीरेंद्र को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। होश में आने के बाद वीरेंद्र ने पूरी घटना का ब्योरा देते हुए पुलिस को तहरीर दी, लेकिन परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उस समय कोई कार्रवाई नहीं की। रविवार देर रात इलाज के दौरान वीरेंद्र की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही पुलिस ने आननफानन में आरोपी मान सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। वहीं मामले में सफाई देते हुए फाफामऊ इंस्पेक्टर संतोष पांडेय का कहना है कि उन्हें पहले इस घटना की जानकारी नहीं थी। युवक की मौत के बाद तहरीर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पुलिस और शराब माफिया की मिली भगत का आरोप
इस बीच मृतक के परिजन और गांव के लोग पुलिस की निष्क्रियता से आक्रोशित हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने शराब माफिया से मिलीभगत कर आरोपियों को बचाने की कोशिश की। ग्रामीणों ने मांग की है कि घटना की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं वीरेंद्र की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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