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फाइल फोटो Photograph: (google)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनियंत्रित जमा योजना प्रतिबंध कानून की धारा 29 व 30 के बाध्यकारी उपबंधो का पालन किए बगैर पुलिस चार्जशीट पर की गई पूरी कोर्ट कार्यवाही को रद कर दिया है और सक्षम प्राधिकारी को कानून की धारा 29 व 30 के अनुसार नये सिरे से कार्यवाही की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने परीक्षित पारस की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
कानून के मुताबिक नये सिरे से कार्यवाही करने की छूट
याचिका पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। इनका कहना था कि पुलिस ने भी एनएस की विभिन्न धाराओं सहित अनियंत्रित जमा योजना प्रतिबंध कानून की धारा 3/21 के तहत ललितपुर के तालबेहट थाने में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की और चार्जशीट दाखिल की। विशेष अदालत ने संज्ञान लेते हुए सम्मन जारी किया। तो याची ने पूरी केस कार्रवाई की वैधता को चुनौती दी। कहा कि धारा 29 में सक्षम प्राधिकारी को सूचना मिलने पर संतुष्ट होने पर सीबीआई को जांच के लिए भेजने का अधिकार है। पुलिस को एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का अधिकार नहीं है। कानून के विपरीत बिना बाध्यकारी उपबंधो का पालन किए की गई आपराधिक कार्यवाही कानून की नजर में अवैध है। अदालत ने भी उपबंधो पर विचार किए बगैर आदेश जारी किया। कोर्ट ने पूरी आपराधिक केस कार्यवाही रद कर दी।
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