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प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षक एमएलसी चुनाव में शॉर्ट टर्म टीचिंग वाले अध्यापकों को मतदाता सूची में शामिल नहीं करने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने स्थायी अधिवक्ता से यह जानकारी प्राप्त करने को कहा है कि विधान परिषद के निर्वाचक मंडल में मांगे गए सुधार क्या हैं, जिसका चुनाव निकट भविष्य में होने वाला है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार एवं न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने वाराणसी के सुधांशु शेखर त्रिपाठी की याचिका पर उनके अधिवक्ता संतोष कुमार उपाध्याय व ऋषभ कुमार पांडेय को सुनकर दिया है।
अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर को
साथ ही मामले में ​अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तारीख लगाई है। याचिका में मांग की गई है कि शिक्षक एमएलसी चुनाव की मतदाता सूची केवल छह साल में तीन वर्ष रेगुलर टीचिंग करने वाले अध्यापकों को ही शामिल किया जाए। शॉर्ट टर्म टीचिंग वाले अध्यापकों को इसकी वोटर लिस्ट में शामिल न किया जाए। एडवोकेट संतोष कुमार उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि शिक्षक एमएलसी के लिए निकट भविष्य में चुनाव होना है। प्रावधान के अनुसार इसमें वही अध्यापक मतदाता सूची में शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने छह वर्ष में तीन साल लगातार नियमित रूप से अध्यापन कार्य किया है। उनका कहना था कि शॉर्ट टर्म टीचिंग वाले अध्यापकों को इस चुनाव की मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि चुनाव जीतने के लिए शॉर्ट टर्म टीचिंग वाले अध्यापकों को भी मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाता है, जो अनुचित है।
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