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फाइल फोटो, वाईबीएन
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयागराज के तत्वावधान में शनिवार को जनपद न्यायालय व सभी तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डॉ. बाल मुकुन्द ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। लोक अदालत में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन सहित कुल 2,22,148 वादों का निस्तारण किया गया। यह प्रयागराज जनपद के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। लोक अदालत का संचालन नोडल अधिकारी/एडीजे रविकान्त-द्वितीय की देखरेख में सफलतापूर्वक हुआ। इस अवसर पर विभिन्न विभागों का सहयोग सराहनीय रहा। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रयागराज के सचिव/एडीजे दिनेश कुमार गौतम ने दी।
1,25,000 वादों का हुआ समाधान
फौजदारी मामलों के 13,338 वाद निस्तारित हुए। पारिवारिक न्यायालय ने 89 मामलों का आपसी सुलह-समझौते से समाधान कराया। इनमें 12 जोड़ों का पुनर्मिलन कराया गया, जिन्होंने एक-दूसरे को माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर साथ रहने का संकल्प लिया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में उत्तरी पीठासीन अधिकारी राम कुशल ने 304 वाद तथा दक्षिणी पीठासीन अधिकारी श्री प्रदीप सिंह ने 131 वादों का निस्तारण किया। ईसी एक्ट से जुड़े 528 मामले, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट त्रिशा मिश्रा द्वारा 5717 वाद, रेलवे मजिस्ट्रेट विनय कुमार जायसवाल द्वारा 2360 वाद, तथा वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट की न्यायिक अधिकारी दीक्षा श्री द्वारा 1624 प्री-लिटिगेशन वाद निस्तारित किए गए। राजस्व न्यायालयों ने सर्वाधिक 1,25,000 वादों का समाधान किया, जबकि बैंकों के 1872 प्री-लिटिगेशन मामले निस्तारित किए गए।
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