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फाइल फोटो Photograph: (Social Media)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।राजकीय इंटर कालेज प्रवक्ता भर्ती में बीएड की अनिवार्यता के खिलाफ याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार व लोक सेवा आयोग प्रयागराज को जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। अगली सुनवाई 25 सितम्बर को होगी। यह आदेश जस्टिस सी डी सिंह ने दिया है। याचिका में कहा गया है कि अब तक प्रवक्ता भर्ती की न्यूनतम योग्यता केवल स्नातकोत्तर डिग्री थी, लेकिन हाल ही में सरकार ने संशोधन कर बीएड डिग्री को अनिवार्य कर दिया है। इस बदलाव से हज़ारों छात्र प्रभावित हुए हैं। छात्रों का कहना है कि वे नई नियमावली का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन अचानक से इसे लागू करना अन्यायपूर्ण है।
छात्रों की मांग एक बार अवसर दिया जाए
याची अधिवक्ता सरोज यादव का कहना है कि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने भी वर्ष 2022 में प्रवक्ता भर्ती में बीएड अनिवार्य किया था, लेकिन वहां सरकार ने पहले से तैयारी कर रहे छात्रों को एक बार का अवसर दिया था। जीआईसी की यह भर्ती 4 वर्ष बाद आई है। यदि पहले ही बीएड की शर्त स्पष्ट कर दी जाती तो छात्र समय रहते यह डिग्री प्राप्त कर सकते थे। ऐसा अवसर नहीं दिया गया। अधिकांश याचिकाकर्ता पिछली जीआईसी 2020 भर्ती में मुख्य परीक्षा तक पहुंचे थे। यदि इस बार भी उन्हें बाहर किया गया तो अगली भर्ती तक वे अधिकतम आयु सीमा पार कर देंगे। इसलिए एक अवसर दिया जाय। कहा यह शर्त रखी जा सकती है कि चयनित अभ्यर्थी अगले 2 से 3 वर्षों में बीएड की डिग्री अवश्य प्राप्त करेंगे। प्रतियोगी परीक्षा का 4 साल आयोजन न करना और अचानक अर्हता में बदलाव लागू करना, अभ्यर्थियों के साथ विभेदकारी रवैया अपनाना है। आयोग के अधिवक्ता बी के एस रघुवंशी ने आयोग का पक्ष रखा।
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