/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/07/img-20251007-wa0019-2025-10-07-19-26-42.jpg)
मुख्य न्यायाधीश पर हमले के विरोध में अधिवक्ता मंच का प्रदर्शन, कहा यह संविधान और न्यायपालिका पर हमला। Photograph: (अधिवक्ता संगठन)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर अदालत के भीतर हुए हमले के विरोध में अधिवक्ता मंच इलाहाबाद ने मंगलवार को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। अधिवक्ताओं ने इस घटना को केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि भारत के संवैधानिक ढांचे, न्यायपालिका और कानून के शासन पर हमला करार दिया। मंच के सदस्यों ने कहा कि अदालत के भीतर मुख्य न्यायाधीश पर जूता उछालने जैसी घटना न केवल न्यायिक मर्यादा का अपमान है, बल्कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरे का संकेत है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं समाज में बढ़ती जातिवादी और सांप्रदायिक मानसिकता का परिणाम हैं, जिसके लिए सत्ताधारी दल की नीतियां जिम्मेदार हैं।
अधिवक्ताओं ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की
मंच के प्रतिनिधियों ने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे उत्तेजक भाषणों और भड़काऊ टिप्पणियों ने इस तरह के माहौल को बढ़ावा दिया है। अधिवक्ताओं ने विशेष रूप से कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और यूट्यूबर अजीत भारती का नाम लेते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों ने समाज में उन्माद फैलाने का काम किया। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने हमले के बाद तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की, जिससे जांच में देरी हुई और दोषियों को संरक्षण मिला। अधिवक्ता मंच ने घटना की उच्च स्तरीय, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है, ताकि न केवल हमलावर बल्कि किसी भी संभावित साजिशी तंत्र का भी पर्दाफाश किया जा सके। मंच ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार को कड़े और ठोस कदम उठाने होंगे।
यह भी पढ़ें:High Court News: घरेलू झगड़े, में मर क्यों नहीं जाते, कहने से खुदकुशी के लिए उकसाने का अपराध नहीं बनता-हाईकोर्ट