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Prayagraj News: कलश चौराहे को बनाया जाएगा प्रयागराज का ‘ग्रैण्ड एंट्री प्वाइंट’, सौंदर्यीकरण एवं विकास की बनेगी विशेष योजना

जिलाधिकारी ने विकास कार्यों की समीक्षा एवं निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कलश चौराहे को जनपद के ‘ग्रैण्ड इंट्री प्वाइंट’ के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यहां का सौंदर्यीकरण और सुसज्जीकरण प्रयागराज की पहचान के अनुरूप किया जाए।

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Abhishek Panday
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जिलाधिकारी ने विकास कार्यों की समीक्षा एवं निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कलश चौराहे को जनपद के ‘ग्रैण्ड इंट्री प्वाइंट’ के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश दिए । Photograph: (वाईबीएन)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने शहर के विकास कार्यों की समीक्षा एवं निरीक्षण के क्रम में कई महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा किया। उन्होंने कलश चौराहे को जनपद के ‘ग्रैण्ड इंट्री प्वाइंट’ के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यहां का सौंदर्यीकरण, लैंडस्केपिंग और सुसज्जीकरण प्रयागराज की पहचान के अनुरूप किया जाए। इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ऋषिराज भी मौजूद रहे। 

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इनर रिंग रोड का स्थलीय निरीक्षण के बाद अफसरों से जानकारी लेते डीएम मनीष वर्मा। Photograph: (वाईबीएन)

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि चौराहे के आस-पास किए गए अतिक्रमण को हटाकर आकर्षक लैंडस्केपिंग कराई जाए तथा सड़क किनारे के खाली स्थलों को वेंडिंग जोन के रूप में विकसित किया जाए ताकि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए विस्तृत प्लान तैयार करे और नगर निगम आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे। इसके पूर्व जिलाधिकारी ने कलश चौराहे से शुरू हो रहे 6 लेन ब्रिज के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कार्य को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही नवनिर्मित एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का भी निरीक्षण किया और सिंचाई विभाग, जल निगम, प्रदूषण नियंत्रण विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों को संयुक्त निरीक्षण कर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करते हुए शीघ्र हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए।

इनर रिंग रोड परियोजना का किया स्थलीय निरीक्षण, कार्य में बाधा न आने देने के निर्देश

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जिलाधिकारी ने बुधवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के साथ निर्माणाधीन इनर रिंग रोड के प्रथम चरण के पैकेज-2 एवं पैकेज-3 के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सहसों में एनएच 2 जंक्शन से लेकर गंगा नदी पर बन रहे 6 लेन ब्रिज तक का निरीक्षण किया। परियोजना के प्रबंधकों ने जानकारी दी कि यह हिस्सा पैकेज 3 के अंतर्गत आता है जिसकी कुल लंबाई 14.980 किमी है। जिलाधिकारी ने कहा कि महाकुंभ 2025 को देखते हुए समयावधि में बढ़ोतरी की गई है, किन्तु अब कार्य को पूर्ण गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने सहसों बाईपास इंटरचेंज सहित अन्य अवशेष कार्यों को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात उन्होंने पैकेज-2 के तहत गंगा नदी पर बन रहे 3.1 किमी लंबे 6 लेन ब्रिज का भी निरीक्षण किया। यह पुल सरस्वती हाइटेक सिटी परिसर से होकर गुजरता है, जिसमें 2.38 किमी लंबा एलीवेटेड कॉरिडोर भी बनाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने रेलवे, इंडियन वॉटरवेज अथॉरिटी, एनएमसीजी और अन्य विभागों के अधिकारियों को परियोजना में आने वाली किसी भी रुकावट को तत्काल दूर करने और कार्य को समय से पूरा कराने के निर्देश दिए।

प्रस्तावित दो फोरलेन पुलों के निर्माण स्थल का निरीक्षण

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने गंगा नदी पर प्रस्तावित दो फोरलेन पुलों सलोरी हेतापट्टी से झूंसी को जोड़ने वाले पुल और दारागंज से झूंसी को जोड़ने वाले पुल के प्रस्तावित स्थलों का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने हेतापट्टी, ओल्ड जीटी रोड, लाला मनमोहन दास इंटर कॉलेज परिसर और दारागंज क्षेत्र में जाकर सेतु निगम के अधिकारियों से प्रोजेक्ट मैप और एलाइनमेंट की जानकारी ली। मुख्य परियोजना प्रबंधक अनिरुद्ध यादव ने बताया कि प्रस्तावित दारागंज-झूंसी सेतु की लंबाई 3660 मीटर होगी, जिसमें पहुंच मार्ग और सुरक्षात्मक कार्य भी शामिल हैं। वहीं सलोरी-हेतापट्टी सेतु के दोनों ओर अतिरिक्त पहुंच मार्ग बनाए जाएंगे। सेतु के निर्माण से प्रयागराज नगर का सीधा संपर्क एसएच-19 (प्रयागराज–वाराणसी मार्ग) से स्थापित होगा, जिससे भदोही, वाराणसी, बिहार, जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर की ओर जाने वाले यात्रियों को सुगम आवागमन मिलेगा। साथ ही कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को गंगा स्नान हेतु सुविधाजनक मार्ग प्राप्त होगा। जिलाधिकारी ने परियोजना प्रबंधक को निर्देशित किया कि दोनों सेतुओं की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति शीघ्र प्राप्त कराकर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करें और प्रगति की जानकारी उन्हें अविलंब उपलब्ध कराएं।

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