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फाइल फोटो Photograph: (google)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई बार अवसर देने के बावजूद रासुका में निरुद्ध व्यक्ति की याचिका पर जवाब न दाखिल किए जाने पर अपर मुख्य सचिव गृह को बुधवार को तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर एवं न्यायमूर्ति संजीव कुमार की खंडपीठ ने गाजीपुर के शब्बीर अहमद की याचिका पर दिया है।
13 नवंबर को दोपहर दो बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो
कोर्ट ने गत छह फरवरी से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में रह रहे याची की याचिका पर जवाबी हलफनामा के लिए गत 10 सितंबर को समय दिया था। 29 अक्टूबर को समय फिर बढ़ाया गया। गत छह नवंबर को कोर्ट ने राज्य की ओर से जवाबी हलफनामा 11 नवंबर को या उससे पहले दाखिल करने को कहा। यह भी कहा कि ऐसा न करने पर कोर्ट को अपर मुख्य सचिव गृह को तलब करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उस दिन गाजीपुर के जेल अधीक्षक की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। गाजीपुर के डीएम व केंद्र सरकार का जवाबी हलफनामा भी आ गया व याची की ओर से डीएम के जवाब का प्रत्युत्तर शपथपत्र भी आ गया लेकिन राज्य सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने रजिस्ट्रार अनुपालन से आदेश को सीजेएम लखनऊ के माध्यम से अपर मुख्य सचिव गृह को प्रेषित करने को कहा। रजिस्ट्रार अनुपालन उसी दिन एसीएस को आदेश प्रेषित कर दिया। इसके बावजूद अपर मुख्य सचिव गृह ने राज्य की ओर से मंगलवार तक जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाना सुनिश्चित नहीं किया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव गृह को 13 नवंबर को दोपहर दो बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने या उस समय तक यह सुनिश्चित करने कि राज्य की ओर से अपेक्षित जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया गया है, का निर्देश दिया।
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