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रामपुर एआरटीओ कार्यालय। राजेश श्रीवास्तव एआरटीओ प्रशासन। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन संवाददाता। परिवहन आयुक्त बद्री नारायण सिंह ने रामपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रशासन राजेश श्रीवास्तव को निंलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ रविवार देर रात करीब 10 बजे रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने सरकारी गाड़ियों के लिए आरक्षित की गई यूपी22 बीजी सीरीज को निजी वाहनों के लिए अलाट कर दिया। इस मामले में सख्त रुख अपनाया गया है। उनके ऊपर पैनल्टी की भी संस्तुति की गई है।
बता दें कि रामपुर में सरकारी वाहनों के लिए यूपी22 बीजी की सीरीज को आरक्षित किया गया था। अप्रैल में यूपी 22 बीएफ सीरीज समाप्त होने के बाद निजी वाहनों के लिए बीएच सीरीज के नंबर अलाट किए जाने थे। लेकिन विभाग ने 27 अप्रैल से बीजी सीरीज खोल दी और 12 अगस्त तक इस बीजी सीरीज के एक या दो नहीं बल्कि 9,469 प्राइवेट वाहनों के पंजीकरण कर दिए। यह सभी पंजीकरण के अंतिम अनुमोदन एआरटीओ राजेश श्रीवास्तव की लागिन आईडी से किए गए। परिवहन आयुक्त से इस संबंध में किसी व्यक्ति ने शिकायत कर दी। 10 सितंबर को इसकी जांच बरेली के परिवहन उप आयुक्त से कराई गई। जांच में मामला सही पाया गया। रामपुर में बीजी श्रंखला जोकि उत्तर प्रदेश मोटर यान नियमावली 1998 के नियम51-क (2) (एक) और 11 फरवरी 2004 की अधिसूचना के अनुसार केवल सरकारी वाहनों के लिए ही आरक्षित है। परिवहन आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एआरटीओ प्रशासन राजेश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है। उनके साथ ही पटल सहायक (डीबीए) रामेश्वर नाथ द्विवेदी व कनिष्ठ सहायक नेहा चौहान पर भी कार्रवाई की गई है। अन्य डीलिंग बाबुओं पर भी कार्रवाई हो सकती है। मुरादाबाद के आरटीओ राजेश सिंह ने देर रात सिविल लाइंस थाना पहुंचकर इस मामले में एआरटीओ राजेश श्रीवास्तव , रामेश्वरनाथ द्विवेदी व अन्य अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रामपुर में घूम रहीं 9,569 बीजी सीरीज की गाड़ियों के रजिष्ट्रेशन रद्द, दूसरे नंबर मिलेंगे
परिवहन आयुक्त ने यूपी22 बीजी सीरीज के नंबरों से 9,469 रजिष्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। अब इन वाहन स्वामियों को दोबारा रजिष्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए उनसे कोई अतिरक्त शुल्क वसूल नही किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए 60 दिन की समय सीमा निर्धारित कर दी है। वाहन स्वामियों को विभिन्न माध्यमों के द्वारा सूचित कराया जाएगा। 60 दिन के भीतर कोई अपने वाहनों का रजिष्ट्रेशन कराने नहीं आता है तो वाहन स्वामी पर कार्रवाई होगी। बदले हुए नंबर में अंतिम चार नंबर उसी श्रंखला के रहेंगे। आगे के नंबर यानी यूपी 22 बीजी सीरीज बदल जाएगी।
यूपी 22 बीजी सीरीज के नंबरों की गाड़ियों की नहीं होती चेकिंग
बता दें कि एजी, बीजी, सीजी ऐसी सीरीज आरक्षित सीरीज हैं इनकी नंबर प्लेट देखते ही सरकारी वाहनों की पहचान हो जाती है। ऐसे में रामपुर में दौड़ रहीं करीब 9,469 निजी वाहनों के चेकिंग के बाहर होने का खतरा है। इसके लिए परिवहन आयुक्त ने गृह विभाग, पुलिस, इंटेलिजेंस, हाईवे अथारिटी को भी पत्र लिखा गया है।
वाहन स्वामियों को नहीं रहेगी कोई दिक्कत
वाहन स्वामियों को सीरीज रद्द करने से कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए उन्हें फास्टैग में भी कोई दिक्कत नहीं रहेगी। इसके लिए एनएचएआई को भी लिखा गया है। बीमा फिटनेस पर भी कोई असर नहीं होगा। वाहन स्वामियों को अपनी गाड़ियों से यूपी 22 बीजी की नंबर प्लेट बदलनी होगी। जो नए नंबर जारी होंगे इसके लिए वाहन स्वामियों को विभाग की ओर से ही नई नंबर प्लेट की व्यवस्था होगी। बरेली के परिवहन उप आयुक्त और मुरादाबाद के आरटीओ प्रशासन राजेश सिंह को नोडल अधिकारी के तौर पर रामपुर से अटैच किया गया है। फारेंसिक जांच भी कराने की तैयारी चल रही है।
रामपुर के एआरटीओ दफ्तर में चलता है दलालों का राज
रामपुर के एआरटीओ कार्यालय में दलालों का राज चलता रहा है। कर्मचारी के पटल से लेकर बाहर तक दलाल मंडराते रहते हैं। लाइसेंस बनवाने से लेकर वाहनों के पंजीकरण कराने तक दलाल के बिना कोई काम नहीं होता है। दलालों के चलते ही ऐसी गड़बड़ी हुई है। कई कर्मचारी बरेली से आवागमन करते हैं। दलाल ही अपने आप आवेदन भरकर लाते हैं और उन्हीं के मुताबिक नंबर अलाट होते थे। यह गफलत के पीछे दलालों का हाथ होने की भी संभावना हैं।
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