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Rampur News: वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का सगा भांजा बताकर बुजुर्ग से मृतक आश्रित में नौकरी लगवाने और फंड निकलवाने का झांसा देकर 10 लाख ठगे

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का सगा भांजा बताकर एक व्यक्ति ने एक बुजुर्ग से 10 लाख रुपये ठग लिए। उसने मृतक पुत्र के स्थान पर कोषागार में नौकरी लगवाने और फंड का पैसा निकलवाने का झांसा दिया था। मामले में पुलिस ने बदायूं के तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

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Akhilesh Sharma
रामपुर

Photograph: (इंटरनेट मीडिया)

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रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का सगा भांजा बताकर एक व्यक्ति ने एक बुजुर्ग से 10 लाख रुपये ठग लिए। उसने मृतक पुत्र के स्थान पर कोषागार में नौकरी लगवाने और फंड का पैसा तुरंत निकलवाने का झांसा दिया था। मामले में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर बदायूं के तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

ज्वालानगर की विष्णु विहार कालोनी निवासी प्रेमशंकर ने दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा है कि प्रार्थी का पुत्र प्रकाश शंकर बदायूं कोषागार में क्लर्क पद पर तैनात था। बीमारी के कारण 12 जून 2020 को उसकी मृत्यु हो गई। प्रार्थी 2 दिसंबर 2014 को बदायूं अपने बेटे के फंड और अन्य भत्तों के भुगतान को गया था। कोषागार कार्यालय के गेट पर उसे विक्रम सिंह वर्मा पुत्र बलवीर सिंह व इनकी माता मालती वर्मा पत्नी बलवीर सिंह निवासी सिविल लाइंस रेलवे क्रासिंग बदायूं मिले। इनके साथ तेजवीर सिंह पुत्र करन सिंह निवासी भरतपुर थाना बिसौली भी था। तब प्रार्थी से तेजवीर सिंह ने कहा कि विक्रम वर्मा वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के सगे भांजे हैं। यह आपके मृतक पुत्र के स्थान पर छोटे बेटे को मृतक आश्रित के रूप में नौकरी और फंड का दस लाख रुपया भी दिला देंगे।

प्रार्थी ने विक्रम, मालती और तेजवीर की बातों का विश्वास कर लिया और उपरोक्त लोगों को अपने घर ज्वालानगर बुला लिया। 7दिसंबर 2024 को तीनों उसके घर आए और नौकरी दिलाने व फंड निकलवाने के नाम पर 15 लाख रुपये मांगने लगे।तब प्रार्थी ने रुपये देने की हां कर ली। विक्रम की मांता मालती के गूगल पे खाते में अपने पुत्र करन सिंह और मौसेरे भाई सुरेश कुमार से 2,76056 रुपये ट्रांसफर कराए।जनवरी में 1.34 लाख रुपये दिए। 26 मार्त 2025 को 15 हजार, कुल चार लाख 25 हजार 122 रुपये दिए। 5 लाख 74 हार 877 रुपये नगद दिए थे। लेकिन विक्रम, मालती और तेजवीर ने ना ही नौकरी दिलवाई और न फंड के रुपये निकलवाए फोन भी उठाने बंद कर दिए। उल्टे गंदी और जाति सूचक गालियां देने लगे। इस संबंध में पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर सिविल लाइंस थाना रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 

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