शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । ग्राम सिकंदरपुर कलां में 25 वर्षों से लंबित चकबंदी कार्य को लेकर ग्रामीणों की नाराजगी को देखते हुए मंगलवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार गांव पहुंचे। उन्होंने गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और मौके पर मौजूद चकबंदी विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए एक माह के भीतर कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि वर्ष 1998 में चकबंदी प्रक्रिया के लिए धारा-4 का गजट हुआ था, लेकिन उसके बाद भी कार्रवाई अधूरी ही रही। वर्ष 2022 में फिर से चकबंदी की शुरुआत हुई, परंतु अब तक यह कार्य पूर्ण नहीं हो सका है।
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह द्वारा हाल ही में की गई समीक्षा बैठक में चकबंदी कार्य की धीमी प्रगति पर असंतोष जताया गया था। इसी के चलते एडीएम को मौके की निगरानी और समस्या समाधान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मंगलवार सुबह एडीएम अरविंद कुमार गांव पहुंचे और ग्राम प्रधान व ग्रामीणों से सीधा संवाद करते हुए उनकी शिकायतें सुनीं। उन्होंने चकबंदी कानूनगो, एसीओ और लेखपाल को निर्देशित किया कि गांव की सभी आपत्तियों और विवादों का समयबद्ध निस्तारण करते हुए एक माह के भीतर चकबंदी कार्य पूर्ण करें। एडीएम ने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम स्तर पर न्यायिक प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए राजरानी बनाम मंगली केस की सुनवाई उपसंचालक चकबंदी न्यायालय के माध्यम से ग्राम न्यायालय में की गई, ताकि लोगों को न्याय उनके गांव में ही मिल सके। ग्रामीणों ने चकबंदी प्रक्रिया में हो रही देरी और गलत नाप-जोख की भी शिकायतें कीं, जिस पर एडीएम ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
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