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मांग: शाहजहांपुर के मोहल्लों के अप्रासंगिक नाम बदलने की मांग

शाहजहांपुर में अफगानी मोहल्लों के नाम बदलने की मांग उठी। एसएस कॉलेज के प्रतिनिधिमंडल ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा, प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।

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Anurag Mishra
नगर निगम

नगर आयुक्त को मोहल्लों के नाम परिवर्तन से संबंधित ज्ञापन देते नागरिक

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शाहजहांपुर में अफगानी मोहल्लों के नाम बदलने की मांग, नगर निगम को सौंपा गया ज्ञापन

शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता

शहर के कई मोहल्लों के नाम ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अप्रासंगिक हो चुके हैं, जिसे बदलने की मांग जोर पकड़ रही है। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में एसएस कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने नगर आयुक्त डॉ. विपिन मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. विकास खुराना ने बताया कि शाहजहांपुर की स्थापना लगभग 300 वर्ष पूर्व हुई थी, लेकिन आज भी कई मोहल्ले ऐसे नामों से पहचाने जाते हैं, जो न तो वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त हैं और न ही स्थानीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन मोहल्लों का नाम उन महान विभूतियों के नाम पर रखा जाए, जिन्होंने देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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अंग्रेज शराब व्यापारी के नाम पर बना केरूगंज

अंग्रेज शराब व्यापारी के नाम पर प्रतिनिधिमंडल ने कई ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए बताया कि केरूगंज नाम एक अंग्रेज शराब व्यापारी से जुड़ा हुआ है, जबकि इसी क्षेत्र में साहित्यिक जगत के प्रख्यात लेखक भुवनेश्वर का जन्म हुआ था। ऐसे में इस मोहल्ले का नामकरण उनके सम्मान में किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, अजीजगंज का नाम स्वामी शुकदेवानंद जी महाराज के नाम पर रखा जा सकता है, जो समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। बीबीजई, बाडूजई, एमनजई और हुंडालखेल जैसे मोहल्लों के नाम भी ऐतिहासिक संदर्भों के बजाय उन वीरों और विद्वानों के नाम पर रखे जाने चाहिए, जिन्होंने जनपद का मान बढ़ाया है।

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नगर निगम की बैठक में प्रस्तावित होगा नाम परिवर्तन

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नगर आयुक्त डॉ. विपिन मिश्रा ने ज्ञापन को गंभीरता से पढ़ा और आश्वासन दिया कि इसे नगर निगम की बैठक में प्रस्तावित किया जाएगा। बैठक में पारित होने के बाद इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार सुयश सिन्हा ने बताया कि यह मुद्दा पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भेजा जा चुका है। नगर निगम के स्तर पर इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी ताकि शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को नई दिशा मिल सके। 

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इस अवसर पर कई प्रमुख नागरिक और विद्वान उपस्थित रहे

जिनमें राजनीतिशास्त्र विभाग के डॉ. आदित्य सिंह, मुमुक्षु आश्रम के कार्यकारी अधिकारी रवि बाजपेई, समाजसेवी सरदार राजू बग्गा, डॉ. रामशंकर पांडे, डॉ. धर्मवीर सिंह, डॉ. पवन गंगवार, डॉ. बरखा सक्सेना और डॉ. व्याख्या सक्सेना शामिल थे। सभी ने इस पहल का समर्थन करते हुए नगर प्रशासन से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को अमल में लाया जाए। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो न केवल शाहजहांपुर की ऐतिहासिक छवि को नया स्वरूप मिलेगा, बल्कि शहर के गौरवशाली अतीत को भी उचित सम्मान मिलेगा। 

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