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सुबह के समय सूर्य देव बादलों की गोद से झांक रहे हैं। वायुमंडल में नमी है। दीपावली की तैयारियों के कारण आवाजाही शांत हैं। ग्रामीण क्षेत्र का दृश्य Photograph: (वाईबीएन)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता। दीपावली की चमक के साथ शाहजहांपुर की हवा पर खतरे के बादल भी मंडराने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार शाम को हवा की गति 3 से 5 किमी/ घंटा तक रह सकती है, जिससे आतिशबाज़ियों का धुआं लंबे समय तक वातावरण में ठहर सकता है। साथ ही, रात में नमी का स्तर 70% से अधिक रहने की संभावना है। इससे धुंध जैसा प्रभाव रहने की संभावना है।
गत वर्ष शाहजहांपुर में दिवाली के बाद शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 240 से 400 तक पहुंच गया था। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत खराब श्रेणी में आता है। इस बार भी इसी तरह के हालात बन सकते हैं अगर लोगों ने नियंत्रण नहीं रखा।
शोध व समाजसेवी चिकित्सक डा रविमोहन किया सावधान, दिए सुझाव
वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक डा रविमोहन का कहना है कि ऐसे मौसम में बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा या हृदय रोगी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। हवा में मौजूद PM 2.5 और PM 10 कण फेफड़ों में जाकर सांस फूलना, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ा सकते हैं। उन्होंने
डा रवि मोहन के टिप्स
- कम आवाज वाले पटाखा व आतिशबाजी छुटाएं।
- रात में अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें।
- छोटे बच्चों और बीमार बुजुर्गों को घर के भीतर रखें। खिड़कियां बंद रखें।
- मास्क या रूमाल का प्रयोग करें।
- कम प्रदूषक और इको-फ्रेंडली पटाखे ही जलाएं।
दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का खतरा
पृथ्वी संस्था के अध्यक्ष व विशेषज्ञ डा विकास खुराना का कहना है कि दीपावली के बाद कार्बन डाइऑक्साइड, ख़ासकर पीएम₂.₅ एवं पीएम₁₀ जैसे सूक्ष्म कणों का स्तर बढ़ जाता है। इन कणों का कारण मुख्य रूप से आतिशबाजी, पटाखे और त्योहार के बाद वाहनों व वाहनों-वाहक गतिविधियों में वृद्धि होती है। इसके साथ ही इस समय हवा की गति कम हो जाती है और तापमान-निम्नता के कारण ‘इन्वर्शन’ की स्थिति बनती है। यानी प्रदूषण नीचे फंस जाता है और वायुमंडल में लंबे समय तक रहा करता है। इस प्रकार शरीर के लिए जोखिम बढ़ जाता है।
सुझाव और सावधानियां
- आज शाम-रात में पटाखे या आतिशबाज़ियाँ कम करने का सुझाव है, क्योंकि हवा की गति कम होने पर प्रदूषण जल्दी इधर-उधर नहीं फैलेगा।
- घर के बाहर निर्बाध रूप से खुला वातावरण चुनें, बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगियों को विशेष सावधानी रखें।
- बाहर निकलते समय हल्के मास्क का उपयोग करना लाभप्रद हो सकता है।
- शाम के समय हवा थोड़ी ठंडी होने पर खिड़कियाँ थोड़ी खुली रखें ताकि घर के भीतर ताजी हवा बनी रहे।
- वाहन-उपयोग कम करें तथा आवश्यकता हो तो सार्वजनिक परिवहन या कैब-शेयरिंग विकल्प अपनाएँ।
शाहजहांपुर में गत वर्ष दिवाली के बाद AQI की स्थिति
गत वर्ष दो नवंबर को दीवाली थी। इसके बाद AQI 240 दर्ज किया गया था। चौक, बरेली मोड, सदर बाजार समेत कुछ क्षेत्रों में एक्यूआइ 400 के पार पहुंच गया। जबकि शाहजहांपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI औसत लगभग 91 रहता है। अर्थात् दिवाली के विशेष समय पर प्रदूषण कुछ बहुत अधिक बढ़ जाता है (लगभग 240) जबकि मासिक औसत इससे बहुत नीचे (~90) है।
जानिए क्या है एक्यूआइ के मानक
0-50 => Good (अच्छा): वायु गुणवत्ता संतोषजनक, स्वास्थ्य जोखिम न्यून।
51-100 => Satisfactory / Moderate (संतोषजनक / मध्यम): अधिकांश लोगों के लिए स्वीकार्य; कुछ संवेदनशील लोगों को हल्के प्रभाव हो सकते हैं।
101-200 => Unhealthy for sensitive groups / Moderately polluted (संवेदनशील समूहों के लिए अस्वस्थ / मध्यम प्रदूषित): विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, सांस संबंधी रोगियों के लिए चिंता का विषय।
इसलिए सांस रोगी व बच्चों के लिए दीवाली के बाद दो तीन दिन तक सावधानी से रहना चाहिए। जरूरत पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
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