शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । शहर के समग्र विकास को लेकर जिला प्रशासन की ओर से आज 28 जून को आयोजित होने जा रही हितधारक परामर्श बैठक से पहले जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन से सुझाव मांगे। इस डिजिटल संवाद पहल को नागरिकों का जबरदस्त समर्थन मिला और जिले के कई सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, जनप्रतिनिधि और छात्र-नागरिकों ने रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजकमल बाजपेयी ने कहा कि शाहजहांपुर में एक सिटी हॉस्पिटल की अत्यंत आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज में बना ट्रामा सेंटर जर्जर स्थिति में है। उसे प्रदेश स्तरीय आपातकालीन सुविधाओं वाले ट्रामा सेंटर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
नीरा गुप्ता, जो महिला स्वयं सहायता समूह ‘स्वादिष्ट रसोई’ से जुड़ी हैं ने लिखा महिला समूह वर्षों से कार्य कर रहे हैं, लेकिन आम लोगों को इनके नाम तक नहीं पता। इनकी पारदर्शिता और जानकारी सार्वजनिक की जाए जिससे महिलाओं को प्रदेशों की तर्ज पर सही लाभ मिले।
नायक टाइगर फोर्स संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश यादव ने कचहरी क्षेत्र की ट्रैफिक समस्या, डेरी पशुओं के कारण लगने वाले जाम, और रिक्शा चालकों के नियमन संबंधी नियमों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रशासनिक आदेशों के सख्त अनुपालन की भी मांग की।
अंकित सक्सेना ने मालखाना मोड़ से सीतापुर आई हॉस्पिटल रोड तक ट्रैफिक जाम की गंभीर स्थिति का जिक्र करते हुए सड़क किनारे कार खड़ी करने पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया।
अर्चित टंडन ने लिखा कि "शाहजहांपुर को महानगर घोषित हुए काफी समय हो गया, लेकिन न तो शहर में अपना FM रेडियो स्टेशन है और न ही मल्टीप्लेक्स। अगर एफएम चैनल शुरू किया जाए तो रोजगार और मनोरंजन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
शैलेन्द्र सिंह ने अपने गांव कनपारा (ब्लॉक पुवाया) में राजकीय इंटर कॉलेज की मांग रखी ताकि आसपास के छात्र लंबी दूरी तय किए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
सुबोध पाण्डेय ने जिले में UPSC, PCS, IIT, NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक ऐसे संस्थान की आवश्यकता जताई जहां गरीब व मेधावी छात्र कम खर्च में बेहतर मार्गदर्शन पा सकें।
सोनू ठाकुर ने खतौनी में हिस्सेदारी की गलत एंट्री को जिले की एक गंभीर समस्या बताते हुए सभी पंचायतों में तत्काल जांच की मांग की और कहा कि लेखपालों के माध्यम से सही एंट्री कराई जाए जिससे आमजन को राहत मिले।
शाहजहांपुर के नागरिकों ने शहर की समस्याओं को जमीनी स्तर से उठाते हुए बेहद व्यावहारिक सुझाव दिए हैं। जिलाधिकारी की इस पहल ने जनसहभागिता के एक प्रभावशाली मॉडल को जन्म दिया है। अब उम्मीद जताई जा रही है आज 28 जून की बैठक में इन बिंदुओं पर गंभीरता से मंथन कर निर्णय लिए जाएंगे।
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