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Shahjahanpur News : बिजली विजिलेंस टीम पर गिरी गाज, डीएम ने 6 कार्मिकों को किया सस्पेंड

शाहजहांपुर में जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बिजली विजिलेंस टीम के 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। टीम पर उपभोक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार और झूठे बिजली चोरी के मुकदमे दर्ज करने के आरोप साबित हुए। जांच में वैध कनेक्शन होने की पुष्टि हुई,

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता 

जनपद में बिजली विभाग की विजिलेंस टीम की मनमानी पर अब प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सटीक प्रहार किया है। जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बिजली चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं से अवैध वसूली, दुर्व्यवहार और झूठे मुकदमे दर्ज करने के आरोपों में प्रवर्तन टीम के छह कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

बिजली विभाग की इस टीम पर लगातार उपभोक्ताओं ने उत्पीड़न की शिकायतें की थीं। इन शिकायतों पर डीएम ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार को सौंपी। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि विजिलेंस टीम ने जलालाबाद क्षेत्र के 11 उपभोक्ताओं पर बिजली चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज किया था, जबकि सभी के पास वैध कनेक्शन पाए गए। इतना ही नहीं, इनमें से चार उपभोक्ताओं के मीटर भी लगे थे और वे नियमित बिल भुगतान कर रहे थे। उपभोक्ताओं ने बयान में कहा कि टीम द्वारा रिश्वत मांगी गई थी, और पैसे न देने पर उन पर चोरी का झूठा केस दर्ज किया गया।

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एडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने टीम के इंस्पेक्टर राजेश कुमार यादव, अवर अभियंता उमाकांत, मुख्य आरक्षी महेश कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमार, सोनू कुमार और महिला सदस्य रीना सागर को निलंबित कर दिया। साथ ही प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र भेजकर विभागीय कार्यवाही की भी संस्तुति की गई है।

जांच में एक और गंभीर तथ्य सामने आया कि पिछले आठ वर्षों से विजिलेंस टीम के वाहन में चालक के रूप में एक ही व्यक्ति शकील अहमद कार्यरत रहा, जबकि वाहन आउटसोर्सिंग प्रक्रिया से आता था। इस बात ने संदेह को और गहरा किया कि वसूली के लिए चालक का प्रयोग भी किया जा रहा था। डीएम ने प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र लिखकर उक्त चालक को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश की है।

कार्रवाई से बिजली कर्मचारियों में मची खलबली

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प्रशासन की इस कार्रवाई से जिले में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है और वर्षों से चली आ रही विजिलेंस टीम की दबंगई पर लगाम कस गई है। यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं के विश्वास को पुनः स्थापित करता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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