शाहजहांपुर,वाईबीएन संवाददाता। पेड़ जीवित प्राणी के समान हैं, मनुष्य जीवन के लिए पंच तत्वों की जरूरत होती है, तो पेड़ के लिए 16 तत्वों की। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूक करना ही मेरा मुख्य लक्ष्य है। हमारी सरकार से मांग है कि वृक्ष को जीवित प्राणी का वैधानिक दर्जा दें, राष्ट्रीय वृक्ष नीति बने, जीपीएस के माध्यम से यूआईडी नंबर समेत पेड़ की गणना और राष्ट्रीय ध्वज की तरह राष्ट्रीय वृक्ष (बरगद) को सम्मान मिले। ग्रीनमैन विजय पाल हरियाली बचाने के लिए अब बीज गुल्लक बनाने का संकल्प दिला रहे हैं। वह किसी के घर फल तभी खाते हैं जब लोग बीज गुल्लक बनाने की कसम खाते हैं। इसके लिए किसी भी बेकार डिब्बे में फलों के बचे हिस्से व बीच इकट्ठे करने होते हैं। बाद में इन्हें चिड़ियों को खिला दिया जाता है। चिड़िया के जगह-जगह बीट करने से अधिकांश बीजों से पौधे उग आते हैं। वह कहते हैं कि इस गुल्लक में भविष्य के लिए ऑक्सिजन संजो रहा हूं।
यंग भारत न्यूज और केएफएल के पर्यावरण प्रहरी सम्मान समारोह एसएस ला कालेज सभागार में बुधवार 11 जून को होगा। इस समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में हरिद्वार से ग्रीन मैन आफ इंडिया हरितऋृषि विजय पाल बघेल पहुंच रहे हैं। विजय पाल अब तक करीब 10 लाख पेड़ों को कटने से बचा चुके हैं और देशभर में अनगिनत पौधे रोप चुके हैं। वर्ष 2000 में वे यूनेस्को के बुलावे पर यूएस में पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान तब के अमेरिकी उपराष्ट्रपति अल गोर ने उन्हें क्लाइमेट लीडर्स संगठन में शामिल कर ग्रीन मैन ऑफ इंडिया के खिताब से नवाजा था।
गूलर का पेड़ कटने पर पानी टपकने से हुए थे भावुक
वह कहते हैं कि बचपन में एक बार कुछ लोग गूलर का पेड़ काट रहे थे। पेड़ से पानी टपक रहा था। पूछने पर मेरे दादाजी ने कहा कि चोट लगने से पेड़ रो रहा है। मेरे बालमन पर इसका गहरा असर पड़ा। मैं रोते हुए पेड़ से लिपट गया और जब तक वे लोग बिना पेड़ काटे चले नहीं गए तब तक उसे नहीं छोड़ा। इसके बाद तो सिलसिला चल पड़ा जो आज तक जारी है। वर्ष 2008 में गंगा एक्सप्रेस, अपर गंगा एक्सप्रेस और फिर हिंडन एक्सप्रेसवे रुकवाने के लिए कोर्ट तक गए। इस प्रॉजेक्ट की जद में करीब 6 लाख पेड़ आ रहे थे। सरकार को यह प्रॉजेक्ट टालने पड़े थे। विजयपाल ने पेड़ बचाने के लिए कई अभियान चलाए हैं। इनमें मेरा वृक्ष योजना, आपरेशन ग्रीन, ग्लोबल ग्रीन मिशन, मेरा पेड़-मेरी शान, पेड़ लगाएं सेल्फी भेजें और मिशन सवा सौ करोड़ शामिल हैं। देश के 724 जिलों में ग्लोबल ग्रीन पीस मिशन के तहत उनकी इकाई काम कर रही है।
यह मिले हैं सम्मान, भारत सरकार पांच रुपये का डाक टिकट भी जारी कर चुकी
विजय पाल बघेल को अब तक हरित ऋषि, हिमालय भूषण, जेपी अवार्ड, ग्रीन मैन जैसे अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। वे पेड़ों को सम्मान दिए जाने और उन्हें जीवित प्राणी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि राष्ट्रीय वृक्ष नीति के तहत पेड़ों के लिए यूआईडी नंबर हो, राष्ट्रीय वृक्ष बरगद को अन्य प्रतीकों की तरह ही सम्मान मिले। 2016 में तब यूपी की अखिलेश सरकार ने उनसे लखनऊ में गोमती नदी के आसपास के पर्यावरण को सुधारने में सहयोग मांगा था।
स्कूली बच्चों को पौधा लगाने के लिए करते हैं प्रेरित
गाजियाबाद के गोविदपुरम निवासी विजयपाल बघेल स्कूली बच्चों को पौधा लगाने के लिए खास तौर पर प्रेरित करते हैं। हरिद्वार में कल्पवृक्ष वन बनाने में जुटे हुए हैं। कल्पवृक्ष वन इस बार कुंभ मेले का आकर्षण रहेगा। वर्ष 1993 में 'पर्यावरण वाहिनी' के सदस्य रहते हुए उन्होंने साल 1996 में 'मेरा वृक्ष योजना' का सफलतापूर्वक संचालन किया। वर्ष 1998 में 'झपटो आंदोलन' पॉलीथिन उन्मूलन अभियान की शुरुआत करके वर्ष 2001 में 'ऑपरेशन ग्रीन' अभियान का नेतृत्व किया। वर्ष 2004 से 'ग्लोबल ग्रीन मिशन' शुरू किया ,जो अनवरत जारी है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर उन्हें जिले के अलावा राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अवार्ड मिल चुके हैं।
अगर आप भी मिलना चाहते हैं ग्रीन मैन से तो एसएस कालेज पहुंचें
ग्रीनमैन आफ इंडिया विजय पाल बघेल बुधवार को सुबह पांच बजे शाहजहांपुर पहुंचेंगे। सबसे पहले वह हरिवन का भ्रमण करेंगे और हरिवन को विकसित करने वाले पर्यावरण प्रहरियों को संदेश देंगे। इसके बाद कोई भी ग्रीन मैन आफ इंडिया से मिल सकता है। 11बजे वह एसएस ला कालेज के सभागार में यंग भारत न्यूज के कार्यक्रम में शामिल होंगे, पर्यावरण प्रहरियों को सम्मानित करेंगे। यंग भारत न्यूज और केएफएल की ओर से उन्हें पर्यावरण भूषण सम्मान दिया जाएगा।
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