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लड़ाकू विमान की लैंडिंग बनी वीआईपी शो, बच्चे और मीडिया रहे उपेक्षित

शाहजहांपुर के जलालाबाद में हुए हवाई करतब कार्यक्रम में जहां नेता और अधिकारी वीआईपी सुविधाओं का लाभ उठाते दिखे, वहीं स्कूली बच्चे और मीडिया प्रतिनिधि अव्यवस्था और उपेक्षा का शिकार बने। आयोजन की पारदर्शिता पर उठे सवाल।

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Ambrish Nayak
गंगा एक्सप्रेस-वे

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता 

जनपद के जलालाबाद में आयोजित हवाई करतब कार्यक्रम को लेकर लोगों में भारी उत्साह था। खासकर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग को लेकर स्कूली बच्चों, आमजन और मीडिया में विशेष रुचि थी। लेकिन कार्यक्रम की व्यवस्थाएं इतनी असंतुलित रहीं कि बच्चे और मीडिया तक को हाशिए पर डाल दिया गया, जबकि नेताओं और अधिकारियों के लिए विशेष वीआईपी जोन सजाया गया था।

कार्यक्रम में सुबह से ही स्कूली बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा था। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इन बच्चों को कार्यक्रम स्थल से लगभग दो किलोमीटर दूर खुले मैदान में बैठाया गया। तेज धूप और उमस भरी गर्मी में न उनके लिए कोई छाया की व्यवस्था थी, न ही पानी या भोजन का इंतजाम। इससे बच्चों में निराशा और थकावट स्पष्ट नजर आई। मीडिया की स्थिति भी कुछ अलग नहीं रही। दूर-दूर से आए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को भी आयोजन स्थल से दूर रखा गया। कई पत्रकार सुबह से कवरेज के लिए डटे रहे, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा तक नहीं दी गई। लाइव कवरेज कर रहे चैनल प्रतिनिधियों को भी धूल भरे मैदान में खड़ा रहना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि आयोजन को जनसामान्य के लिए किया गया था, लेकिन व्यवस्थाएं देखकर ऐसा प्रतीत हुआ मानो यह केवल वीआईपी के लिए ही था। आयोजन में पारदर्शिता और समावेशिता की कमी स्पष्ट दिखाई दी, जिससे लोगों में नाराजगी भी देखी गई।

अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे सार्वजनिक आयोजनों में सिर्फ नेताओं और अधिकारियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी? और क्या आम नागरिक, स्कूली बच्चे और मीडिया को इसी तरह उपेक्षित किया जाता रहेगा। 

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