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flood News : मेडिकल कॉलेज में घुसा पानी, 100 मरीज डिस्चार्ज, स्वास्थ्य केंद्र अलर्ट

शाहजहांपुर में गर्रा-खन्नौत नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मेडिकल कॉलेज में पानी घुसने से 100 मरीज डिस्चार्ज कर दिए गए। गंभीर मरीज ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट, स्वास्थ्य केंद्र अलर्ट, कंट्रोल रूम संचालित और अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगाई गई।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। गर्रा और खन्नौत नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। नदियों के उफान से शहर में बाढ़ का संकट गहराने लगा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में पानी घुसने से अफरा-तफरी मच गई। हालात को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने 100 से अधिक सामान्य मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया, जबकि इमरजेंसी वार्ड के गंभीर मरीजों को दूसरी और तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया।

मशीनें दूसरी मंजिल पर शिफ्ट

जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में रात से ही सतर्कता बढ़ा दी गई थी। सीएमओ डॉ. विवेक कुमार मिश्रा खुद मौके पर पहुंचे और प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के साथ तैयारियों की समीक्षा की। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक्सरे समेत अधिकांश जांच मशीनों और उपकरणों को दूसरी मंजिल पर पहुंचा दिया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलर्ट

सीएमओ ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में अब केवल गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। सामान्य मरीजों को आसपास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। भावलखेड़ा सीएचसी को विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसके अलावा अन्य सीएचसी पर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई गई हैं।

पांच टीमें दवा वितरण में जुटीं

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें शहर, जलालाबाद और मिर्जापुर क्षेत्रों में जाकर दवा वितरण और उपचार की व्यवस्था कर रही हैं। सीएमओ ने कहा कि मरीजों को किसी भी हालत में दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

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बाढ़ की सूचनाओं के आदान-प्रदान और राहत कार्यों की निगरानी के लिए डीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम संचालित किया गया है। इसका नम्बर है– 05842-220018, 462754, 351037, 351038।

डीएम ने लगाई अवकाश पर रोक

डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। आदेश के मुताबिक, 14 सितंबर तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी  चाहे वह नियमित हो, संविदा पर या आउटसोर्सिंग से कार्यरत  छुट्टी पर नहीं जाएगा और अपनी तैनाती स्थल को नहीं छोड़ेगा।

जलस्तर और बढ़ने की आशंका

बैराज से छोड़े गए पानी का असर जिले पर अगले कुछ घंटों में और अधिक दिखेगा। अनुमान है कि जलस्तर और बढ़ सकता है। इससे मेडिकल कॉलेज समेत निचले क्षेत्रों में पानी भरने की स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने सभी विभागों को अलर्ट पर रखा है।

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