शाहजहाँपुर, वाईबीएन संवाददाता
शाहजहांपुर में 1990 के दशक में सक्रिय कुख्यात कल्लू-नज्जू गिरोह के सदस्य देवेंद्र सिंह उर्फ 'फौजी' को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह गिरोह अपहरण, फिरौती और हत्या जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था, जिससे क्षेत्र में आतंक का माहौल बना हुआ था।
यह भी पढ़ें:
आठ साल के बच्चे से कुकर्म करने वाले को 20 साल कारावास की सजा
अपहरण और हत्या की घटना
12 अक्टूबर 1999 को थाना परौर के ग्राम मंझा दहिनिया के प्रधान गिरिंद सिंह के भाई बचनपाल सिंह का अपहरण किया गया था। बचनपाल सिंह अपने मौसेरे भाई केशव सिंह के घर मोहनिया गांव में मेहमानी के लिए गए थे, जहां रात में कल्लू-नज्जू गिरोह ने उनका अपहरण किया। 14 अक्टूबर 1999 को प्रधान गिरिंद सिंह की तहरीर पर कल्लू, नज्जू, दिनेश, महेश, बुल्ले, बच्चन और देवेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दो महीने बाद, 28 दिसंबर 1999 को, चचुआपुर गांव के जंगल में बचनपाल सिंह का कंकाल बरामद हुआ, जिससे मामले में हत्या और साक्ष्य मिटाने की धाराएं जोड़ी गईं।
यह भी पढ़ें: Police Encounter: मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश को पुलिस ने दबोचा, पैर में लगी गोली
मुकदमे की प्रक्रिया और सजा
मुकदमे के दौरान पुलिस ने कल्लू, बुल्ले और दिनेश को मुठभेड़ में मार गिराया। 28 जनवरी 2004 को अदालत ने नज्जू, महेश और बच्चन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि देवेंद्र सिंह फरार था। अब, शाहजहांपुर की अदालत ने देवेंद्र सिंह को अपहरण, हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामलों में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा और 30 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है
यह भी पढ़ें:
11 साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास
पूर्व में भी मिली थी फांसी की सजा
मार्च 2024 में फर्रुखाबाद की अदालत ने देवेंद्र सिंह को 2005 में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ उसने उच्च न्यायालय में अपील की है। इस प्रकार, 25 वर्षों के बाद देवेंद्र सिंह को उसके अपराधों के लिए सजा मिली है, जो न्याय प्रणाली की दृढ़ता को दर्शाता है।
यह भी पढ़ें:
आठ साल के बच्चे से कुकर्म करने वाले को 20 साल कारावास की सजा