शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता
शहर के मोहल्ला बारादरी पक्का तालाब निवासी शेख़ बहार ए आलम क़ादरी रज़वी ने एक बेहद संवेदनशील और ज्वलंत सामाजिक विषय पर आधारित पुस्तक "शौहर नहीं, सिर्फ प्रेमी" के माध्यम से वैवाहिक रिश्तों की टूटती बुनियाद पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
लेखक ने अपनी किताब में समाज में बढ़ रही वैवाहिक हिंसा, पति-पत्नी के बीच अनबन, तलाक़, और बर्बर हत्याओं जैसे गंभीर मामलों का विश्लेषण किया है। उनका मानना है कि इन सबकी जड़ में कहीं न कहीं मोबाइल और सोशल मीडिया का अनियंत्रित इस्तेमाल है, जिसने पारिवारिक जीवन को प्रभावित किया है।
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प्रेम, संयम और संवाद से रिश्ते टूटने से बच सकते हैं
शेख़ बहार ए आलम क़ादरी रज़वी केवल लेखक नहीं हैं, बल्कि एक सजग समाजसेवी की भूमिका में नज़र आते हैं। उन्होंने किताब के माध्यम से मियां-बीवी के पवित्र रिश्ते की अहमियत को उजागर करते हुए यह दिखाने की कोशिश की है कि कैसे प्रेम, संयम, और संवाद के माध्यम से रिश्तों को टूटने से बचाया जा सकता है।
पुस्तक में देशभर के कई चर्चित मामलों का जिक्र करते हुए पाठकों को यह समझाने की कोशिश की गई है कि ग़ैर-ज़रूरी रिश्तों से दूरी बनाकर और आपसी विश्वास को मज़बूत करके एक खुशहाल दांपत्य जीवन जिया जा सकता है। शेख़ बहार ए आलम की लेखनी में सच्चाई की धार है और दर्द की भाषा। उन्होंने न केवल समस्याओं को रेखांकित किया है, बल्कि समाधान की राह भी सुझाई है। किताब को लेकर पाठकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा इसे सराहा जा रहा है।
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