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आर्य महिला महाविद्यालय में रेंजर्स शिविर के तीसरे दिन आपदा प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा और नेतृत्व क्षमता का प्रशिक्षण

आर्य महिला महाविद्यालय में पांच दिवसीय रेंजर्स शिविर के तीसरे दिन छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। शिविर प्रभारी ने व्यावहारिक कौशलों का प्रशिक्षण दिया। जबकि प्राचार्या डॉ० सुनीता जैसल ने आत्मनिर्भरता संदेश दिया।

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Ambrish Nayak
रेंजर्स शिविर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता 

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आर्य महिला महाविद्यालय में जारी पांच दिवसीय रेंजर्स शिविर के तीसरे दिन छात्राओं को आत्मनिर्भरता, नेतृत्व क्षमता और आपातकालीन स्थितियों से निपटने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षकों ने उन्हें विभिन्न व्यावहारिक कौशल सिखाए।

प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का प्रशिक्षण

शिविर की शुरुआत प्रतिदिन की तरह ध्वजारोहण, वंदना गीत और झंडा गीत से हुई। इसके बाद प्रशिक्षक श्रीमती कंचन मिश्रा ने छात्राओं को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव, प्राथमिक चिकित्सा, रस्सी गांठने की विधियाँ, स्ट्रेचर बनाना और बाधा पार करने के तरीके सिखाए। उन्होंने बताया कि कैसे एक रेंजर विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और समझदारी से काम लेकर स्वयं को तथा दूसरों को सुरक्षित रख सकती है।

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रेंजर्स को मिला आत्मनिर्भरता का संदेश

इस अवसर पर प्राचार्या डॉ० सुनीता जैसल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि "रेंजर केवल एक समूह नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करता है।" उन्होंने छात्राओं को हमेशा आत्मविश्वास और निष्ठा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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समूह चर्चा और व्यावहारिक गतिविधियाँ

शिविर प्रभारी डॉ० रजनी सिंह ने छात्राओं के बीच नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए विभिन्न समूह चर्चाएँ और व्यावहारिक गतिविधियाँ कराईं। छात्राओं ने आपसी समन्वय और टीम वर्क के महत्व को समझा और विभिन्न रेस्क्यू तकनीकों का अभ्यास किया।

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छात्राओं ने दिखाया उत्साह

इस शिविर में अदिति, मैविश, रोहिणी, ऋचा, पूजा, अनुष्का, अंकिता, पुष्पांजली सिंह, स्वप्निल, रोली सहित अनेक छात्राएँ पूरे उत्साह के साथ शामिल रहीं। उन्होंने सीखे गए कौशलों का अभ्यास किया और प्रशिक्षण को जीवन में उतारने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

आने वाले दिनों में होंगे और भी रोचक सत्र

शिविर में अगले दो दिनों में कैम्प फायर, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और समाजसेवा से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। महाविद्यालय प्रशासन ने इस शिविर की सराहना करते हुए कहा कि यह छात्राओं के लिए नेतृत्व, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जिम्मेदारी को विकसित करने का एक सुनहरा अवसर है।

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