Advertisment

पहलगाम आतंकी हमलाः सिख आतंकवाद की तरह खत्म कराएं कश्मीर में आतंकवाद

शाहजहांपुर में सिख आतंकवाद के दौरान अपने पिता को खो चुकीं कनुप्रिया शर्मा पहलगाम अटैक से आहत हैं। कहती हैं कि जैसे सिख आतंकवाद खत्म करने को केपीएस गिल और बेअंत सिंह आगे आए इसी तरह कश्मीर में आतंकवाद खात्मे को मुस्लिम नेता-अफसर आगे आएं।

author-image
Akhilesh Sharma
शाहजहांपुर

कनुप्रिया शर्मा Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

पहलगाम में आतंकवादी घटना में 27 पर्यटकों के मारे जाने से पूरे देश में आक्रोश है। सरकार भी पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन के मूड में है। वहीं प्रभावित रहे परिवार भी सरकार से जल्द आतंकवाद के खात्मे के लिए कोई सख्त फैसला लेने का दबाव बना रहे हैं। शाहजहांपुर में 1991 से 95 तक तराई में सिख आतंकवाद रहा। इस उग्रवाद की चपेट में बंडा के डंडुबा फार्म की रहने वाली समाजसेवी कनुप्रिया के पिता भी आ गए थे। कनुप्रिया कहती हैं फिर भी हम डरे नहीं और हिम्मत के साथ डटे रहे और ईमानदारी से अपनी जगह आज भी कायम हैं। प्रभावित लोगों को डरने की जरूरत नहीं हैं। हिम्मत से काम लें। सरकार भी सख्त कदम उठाए, तो आतंकवाद का समूल नाश हो सकेगा। 

पहलगाम आतंकवादी हमलेके बाद यंग भारत न्यूज ने डुंडबा फार्म पर महिला सशक्तीकरण की मिसाल कनुप्रिया शर्मा से विशेष बातचीत की तो उन्होंने कहा कि 1994 में 17 साल की थीं, जब पिता को उग्रवादी उठाकर ले गए थे और अगली सुबह उनकी डेथ बाडी मिली थी। मैं वह दिन कभी नहीं भूल सकती। बातचीत के दौरान भावुक हुईं कनुप्रिया ने कहा कि उग्रवाद से मैने संघर्ष किया। लोगों ने बहुत डराने की कोशिश की लेकिन मैं डरी नहीं। अगर मै डर जाती तो संघर्ष नहीं कर पाती। उन्होंने कहा कि एक दौर आया जब सिख आतंकवाद समाप्त हुआ। इसमें सिख समाज के ही आईपीएस केपीएस गिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बेअंत सिंह ने भी आतंकवाद को कुचलने के लिए लड़ाई लड़ी। आतंकवाद को उन्हीं के समाज के लोगों ने खत्म कराया। कश्मीर में भी आतंकवाद समाप्त होगा। इसके लिए इसी समाज के यानी मुस्लिम अफसरों और नेताओं को आगे आना होगा। 

आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है

Advertisment

कनुप्रिया कहती हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। समाज में अच्छे भले लोग भी हैं। किसी पूरे धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ा जा सकता। जम्मू कश्मीर में बहुत अच्छे लोग भी हैं, मुस्लिम धर्म के लोगों ने पर्यटकों की मदद भी की थी। कुछ लोग देश विरोधी धारा में जुड़ते हैं और पूरे समाज को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। इसलिए आतंकवाद को रोकने के लिए अच्छे लोगों को आगे आकर सरकार की मदद करनी चाहिए। ताकि पंजाब की तरह कश्मीर से भी आतंकवाद का खात्मा हो सके। 

यह भी पढ़ेंः-

पहलगांव में हमले में मारे गए हिंदुओं को भावभीनी भावभीनी श्रद्धांजलि...

Advertisment

Shahjahanpur News : एक राष्ट्र-एक चुनाव से देश को होगा व्यापक लाभ : सुरेश खन्ना

 

Advertisment
Advertisment