शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जिले में निजी स्कूलों द्वारा हर वर्ष पाठ्यपुस्तकें और पाठ्यक्रम बदलने की प्रथा से पर्यावरण और अभिभावकों पर हो रहे प्रतिकूल प्रभाव को लेकर अभिभावक वेलफेयर एसोसिएशन, शाहजहाँपुर का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष एडवोकेट राम जी अवस्थी के नेतृत्व में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह से मिला और एक मांगपत्र सौंपा।
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एडवोकेट राम जी अवस्थी ने बताया कि नई पुस्तकों की अनावश्यक छपाई के लिए हर साल लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं, जिससे वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसके अलावा, इन पुस्तकों के छपाई में प्रयुक्त रसायन और ऊर्जा भी पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी पुस्तकों के अनुपयोगी होने से अभिभावकों पर हर वर्ष अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है।
एसोसिएशन के जिला महामंत्री अभिषेक मोहन ने इस प्रथा को 'वन विनाश, पर्यावरण प्रदूषण और आर्थिक शोषण' की संज्ञा दी और प्रशासन से इस पर तत्काल रोक लगाने की माँग की। वहीं, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने सुझाव दिया कि जिला प्रशासन को वार्षिक स्तर पर पुरानी पुस्तकों के आदान-प्रदान हेतु एक मेला आयोजित करना चाहिए, ताकि पुस्तकों का पुनः उपयोग हो सके। साथ ही उन्होंने स्कूलों को प्रतिवर्ष पाठ्यक्रम बदलने से रोकने के लिए जिला शिक्षा विभाग से सख्त दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की।
एसोसिएशन ने मुख्य विकास अधिकारी से अनुरोध किया कि पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा को किफायती बनाने के लिए आवश्यक कदम शीघ्र उठाए जाएँ। प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई कि प्रशासन इस पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा और ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।इस अवसर पर सुधांशु मिश्रा, अनुराग मिश्रा, अनिल पाल समेत कई सदस्य मौजूद रहे।
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