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Photograph: (SHAHJAHANPUR NETWRK)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में मदरसा नुरुल हुदा बिजलीपूरा में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि ज्ञानेंद्र मोहन ज्ञान ने की जबकि संचालन प्रधानाचार्य इकबाल हुसैन उर्फ फूल मियां ने किया। कार्यक्रम का आरंभ शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इसके बाद मंच पर कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से देशभक्ति और बलिदान की गाथा को जीवंत किया।
कवियों ने सुनाए देशभक्ति से ओतप्रोत गीत
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युवा कवि विकास सोनी ऋतुराज ने मैं अंधेरों को मिटाने आ गया हूँ, प्यार के दीपक जलाने आ गया हूँ… जैसी पंक्तियों से शुरुआत कर कार्यक्रम का माहौल रोमांचित कर दिया। वरिष्ठ कवि ज्ञानेंद्र मोहन ज्ञान ने अपने काव्य पाठ से शहीदों के प्रति नमन करते हुए कहा मातृभूमि की रक्षा जिनका जज़्बा था फौलादी, उनके प्राणों की आहुति से मिली हमें आज़ादी…
गीतकारों और शायरों ने बांधा समां
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वरिष्ठ गीतकार अजय अवस्थी ने अपने गीतों से श्रोताओं को भावविभोर किया। वरिष्ठ शायर असगर यासिर ने ग़ज़ल प्रस्तुत करते हुए कहा देखना यह भी है उसका है कि सर है मेरा, आज फिर कूचा-ए-क़ातिल से गुज़र है मेरा…नवोदित शायर कासिम अख्तर वारसी ने वतन पर जज्बात पेश किए मेरी माँ ने सिखाया है वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते हम अपनी जान दे देंगे।
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