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समस्या: बंदरों के उत्पात से नागरिक परेशान, गौशाला की तर्ज पर हो आश्रय स्थल

शाहजहांपुर, गोवंशीय पशुओं की तरह बंदर भी अब नागरिकों के लिए समस्या बनते जा रहे है आए दिन किसी को काट कर घायल कर देना और घरेलू सामान उठा कर ले जाना आम बात है। इनके प्रकोप से परेशान लोगों ने गोवंश पशुओं की तर्ज पर आश्रय स्थल बनाने की मांग की है।

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Anurag Mishra
बंदर

नागरिकों के लिए समस्या बने बंदरों का फाइल फोटो Photograph: (इंटरनेट मीडिया)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता

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बंदरों की समस्या के स्थाई समाधान की मांग को लेकर नगर वासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है । नागरिकों ने मांग की है कि गोवंशीय पशुओं के लिए बनाए गए आश्रय स्थल की तर्ज पर बंदरों के भी आश्रय स्थल बनाए जाएं ताकि भूख प्यास से तड़पते और मौसम की मार झेलते इन बेजुबानों को भी ठिकाना मिल सके। 

श्री परशुराम सेवा समिति की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम लिखे पत्र में स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिस तरह से हिंदू धर्म के अनुयायियों की आस्था गोवंशीय पशुओं से  जुड़ी है इस प्रकार लोग बंदरों को भी बजरंगबली का प्रतीक मानते हैं किंतु भूख प्यास के कारण मौसम की मार झेलते बंदर खाद्य सामग्री के अभाव में घरों से कपड़े तथा घरेलू सामान आदि उठाकर ले जाते हैं। कई बार तो बंदरों द्वारा काट कर घायल करने की घटनाएं सामने आई हैं। सड़कों पर पड़े कचरा और गंदगी खाने पर मजबूर हैं। इनकी बढ़ती हुई संख्या से फसलों काफी नुकसान होता है और लोगों को मानसिक तनाव और असुरक्षा की भावना भी पैदा हो रही है। इसके लिए नगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। और नागरिकों को समस्या से मुक्ति दिलानी चाहिए।

ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों मे राकेश शर्मा संतकुमार शर्मा अनुराग मिश्रा डॉ एस पी शर्मा राजीव शर्मा राहुल गुप्ता विकास कुमार रामकिशोर सक्सेना सुरेशकुमार आदित्य शर्मा रजनीश कुमार विवेक कुमार सूरज गुप्ता प्रशांत गुप्ता आदि लोग शामिल हैं।

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बंदरों के काटने और बीमारियों से जुड़ी कुछ जानकारी 

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-दुनिया भर में कुत्तों के बाद बंदरों के काटने के मामले भारत में दूसरे नंबर पर आते हैं।

-बंदरों के काटने के मामले खासतौर पर शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में समान रूप से होते हैं।

-बंदरों के काटने से मंकी फीवर जैसी बीमारियां फैलने की संभावना रहती है।

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-बंदरों के प्रकोप से फैलने वाली बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण और रोगाणु रोधी उपचार जरूरी है। 

-बंदरों को भगाने के लिए तेज गंध, साउंड गन, एयर गन पटाखा फ्लैशलाइट दुआ झटका मशीन आदि का प्रयोग किया जा सकता है।

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बंदर का फाइल फोटो Photograph: (इंटरनेट मीडिया

 

 

-बंदरों से जुड़ी कुछ खास बातें

-बंदर सर्वाहारी होते हैं वह पौधे और कभी-कभी जानवरों का मांस भी कहते हैं। 

-बंदरों को तेज गंध से भगाया जा सकता हैं।

-बंदरों को डराने लिए खेत के चारों तरफ उबले हुए चावल कुचले हुए मूंगफली के बीज लाल मिर्च पाउडर और नारियल का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।

-बंदरों के काटने पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना आवश्यक है।

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नागरिकों के विचार-

डॉ आलोक अग्रवाल
संकल्प सेवा समिति के अध्यक्ष डॉक्टर आलोक अग्रवाल Photograph: (स्वयं)

-बंदरों के प्रकोप से नागरिक बुरी तरह परेशान हैं। महिलाओं बच्चों का निकलना मुश्किल है बंदरों ने जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है नगर निगम नगर पालिका और विकासखंड वा जिला पंचायत को बंदर पकड़ने के लिए ठेका जारी करने चाहिए और नागरिकों को इस समस्या से मुक्ति दिलानी चाहिए। 

डॉ आलोक अग्रवाल अध्यक्ष संकल्प सेवा सोसाइटी

 

पप्पू शर्मा
पप्पू शर्मा वरिष्ठ नेता विश्व हिंदू परिषद तिलहर Photograph: (स्वयं)

 

-बंदरों के लिए एक-एक कार्य योजना बनाकर क्रमबद्ध ढंग से समस्या के उन्मूलन के लिए कार्य करना चाहिए ताकि नागरिकों की समस्या का समाधान भी हो सके और लोगों की आस्था भी आहत न हो।

-पप्पू शर्मा अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद तिलहर

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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