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Photograph: (shahjahanpur netwrk)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । नगर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के नवम दिवस का वातावरण भक्ति, श्रद्धा और वीरता के भाव से ओतप्रोत रहा। कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पूजन से हुआ जिसे पूर्व एमएलसी संजय मिश्रा ने विधिपूर्वक संपन्न कराया। इसके पश्चात बनारस से पधारे विद्वान आचार्य विवेकानंद शास्त्री एवं कार्तिकेय द्विवेदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ कराया।
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मुख्य कथा वाचन कर रहे संत प्रशांत प्रभु जी महाराज ने आज का प्रसंग भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय और राक्षस तारकासुर के वध पर केंद्रित रखा। उन्होंने बताया कि राक्षस तारकासुर ने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया था कि उसे केवल शिव पुत्र ही पराजित कर सकता है। उस समय भगवान शिव समाधि में लीन थे और संसार पर अधर्म का अंधकार छा गया था।
माता पार्वती ने कठोर तप कर महादेव को प्राप्त किया और उनके योग से एक दिव्य तेजस्वी बालक का जन्म हुआ भगवान कार्तिकेय जिनके छः मुख और छः भुजाएं थीं। उन्होंने देवताओं के साथ मिलकर असुरों को ललकारा और एक भीषण युद्ध हुआ।
कार्तिकेय और तारकासुर के बीच हुए युद्ध में आकाश अस्त्र-शस्त्रों की गर्जना से गूंज उठा। अंततः धर्म की विजय हुई और भगवान कार्तिकेय ने अपने दिव्य शक्ति बाण से तारकासुर का वध कर दिया। इस प्रसंग पर पूरे कथा पांडाल में जयघोष गूंज उठा
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