शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता जनपद मे वर्षों से किराए के भवन में संचालित हो रहे जीएसटी कार्यालय को लेकर अब एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। राज्यकर विभाग को जल्द ही अपना स्थायी कार्यालय मिलने की संभावना है। इसके लिए जिला प्रशासन ने सदर तहसील के हथौड़ा बुजुर्ग क्षेत्र में 2500 वर्ग मीटर जमीन चिह्नित कर दी है। यह कदम व्यापारियों, अधिवक्ताओं और कार्यालय कर्मचारियों के लिए बेहद सहायक साबित होगा, जो लंबे समय से बेहतर सुविधाओं की मांग कर रहे थे।जीएसटी कार्यालय पिछले आठ वर्षों से मोहम्मदी रोड पर किराए के भवन में संचालित हो रहा था। सीमित जगह और सुविधाओं की कमी के चलते न केवल व्यापारियों और अधिवक्ताओं को समस्याएं होती थीं, बल्कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कार्य संचालन में कठिनाई होती थी। आने-जाने वालों के लिए बैठने तक की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिससे कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा था।
काफी समय से जीएसटी विभाग के लिए स्थायी भवन की मांग की जा रही थी। अब जिला प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए हथौड़ा बुजुर्ग में भूमि चिह्नित कर दी है। जीएसटी विभाग के साथ ही तहसील स्तर के अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी होने की उम्मीद है।जैसे ही जमीन का हस्तांतरण पूरा होगा, निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में यह कार्यालय आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा और इससे विभागीय कामकाज में पारदर्शिता और गति आएगी। भवन बनने से न केवल विभागीय कार्यों में सुधार होगा, बल्कि व्यापारियों व आम जनता को भी सुविधा मिलेगी। यह निर्णय जिले के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
25 वर्षों से किराए के भवन में चल रहा विभाग, अब मिलेगा स्थायी ठिकाना
विभाग की स्थापना वर्ष 1948 में बिक्री कर के रूप में हुई थी और तब इसका कार्यालय टाउनहॉल स्थित राजीव भवन के पास चलता था। वर्ष 1999 से 2007 तक यह व्यापार कर विभाग बना और फिर 2008 से 2017 तक इसे वाणिज्य कर विभाग के नाम से जाना गया। जुलाई 2017 में यह विभाग जीएसटी यानी राज्यकर विभाग में परिवर्तित हो गया। इतने वर्षों में विभागीय नाम और कार्यप्रणाली में बदलाव तो आए, लेकिन स्थायी भवन की व्यवस्था नहीं हो सकी।
वर्तमान में विभाग मोहम्मदी रोड स्थित एक किराए के भवन में चल रहा है, जिसका मासिक किराया 55 हजार रुपये है। इसके बावजूद यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। बैठने की जगह, अभिलेखों के रखरखाव और आगंतुकों के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। इससे विभाग के कामकाज पर भी असर पड़ता रहा है।
हालांकि अब उम्मीद की जा रही है कि नए भवन में अधिवक्ताओं और व्यापारियों के लिए अलग चैंबर, अभिलेखों के सुरक्षित भंडारण और भौतिक सत्यापन की बेहतर व्यवस्था होगी। इससे न केवल विभागीय कामकाज में पारदर्शिता और गति आएगी, बल्कि आम लोगों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। यह कदम जिले के राजस्व तंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
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