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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। स्वच्छता और हरियाली जैसे ज्वलंत मुद्दों पर जन-जागरूकता के लिए शाहजहांपुर में रंगमंचीय और पारंपरिक शिल्प कला का सुंदर संगम देखने को मिला। गगनिका सांस्कृतिक समिति की ओर से एक अनूठी पहल के तहत नगर निगम कार्यालय में नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्रा (आईएएस) को एक विशेष आदिवासी मुखौटा भेंट किया गया।
यह हस्तनिर्मित मुखौटा आदिवासी राजा के स्वरूप को दर्शाता है जो न केवल भारतीय लोक-संस्कृति और प्रकृति प्रेम का प्रतीक है, बल्कि समुदाय की एकता का भी संदेश देता है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष कप्तान सिंह कर्णधार और मुखौटा निर्माण सहायक रंगकर्मी सलोचना कार्की विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
कप्तान सिंह कर्णधार ने कहा आज जब पर्यावरण स्वच्छता और सामाजिक एकता जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में हैं ऐसे में रंगमंच और पारंपरिक शिल्प के माध्यम से जागरूकता फैलाना हमारी सांस्कृतिक ज़िम्मेदारी है।
मुखौटा सौंपते हुए सलोचना कार्की ने कहा यह मुखौटा केवल एक शिल्पकला नहीं बल्कि एक संदेश है जैसे आदिवासी समुदाय अपने जंगलों और परिवेश को सहेजते हैं, वैसे ही हमें भी मिलकर अपने शहर शाहजहांपुर को स्वच्छ और हरा-भरा रखना होगा।
नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा संस्कृति और शिल्प के ऐसे प्रयास न केवल सौंदर्यबोध जगाते हैं बल्कि नागरिकों को सामाजिक उत्तरदायित्व की याद भी दिलाते हैं। उल्लेखनीय है कि भारत की रंगमंचीय परंपरा में मुखौटों का विशेष स्थान रहा है। प्राचीन लोक नाट्य जैसे नक़ल, तमाशा, यक्षगान और कुडियाट्टम में मुखौटों का उपयोग चरित्रों की आत्मा को जीवंत करने के लिए किया जाता रहा है। यह परंपरा आज भी न केवल जीवित है बल्कि सामाजिक मुद्दों पर संवाद का सशक्त माध्यम भी बन रही है।
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