शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
आसाराम को तीन महीने की अंतरिम जमानत मिलने के बाद, पीड़िता के पिता ने अपनी गहरी निराशा और दुख को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया है। उन्होंने इस फैसले को कानूनी प्रक्रिया में कमजोर पैरवी का परिणाम बताया है और इस बात पर गंभीर सवाल उठाए हैं कि उनके वकीलों द्वारा उच्च न्यायालय में अपील दायर करने में देरी क्यों की जा रही है।
यह भी पढ़ें: UP News: जुमे की नमाज का बदला समय, Sambhal-Shahjahanpur में हाई अलर्ट, मस्जिद को भी ढंका गया
पीड़िता के पिता ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि न्याय मिलने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार वकीलों से अपील करने के बावजूद, इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उनका मानना है कि इस सुस्ती के कारण ही आसाराम को अंतरिम जमानत मिल पाई है।
यह भी पढ़ें:Shahjahanpur news:जलालाबाद में सेवा सुरक्षा सुशासन दिवस का आगाज
उन्होंने आसाराम के पूर्व के व्यवहार का भी जिक्र किया। पीड़िता के पिता ने याद दिलाया कि जब आसाराम को पहले पैरोल पर रिहा किया गया था, तो उसके समर्थकों ने खुले तौर पर यह दावा किया था कि वह अब कभी जेल वापस नहीं जाएगा। इस बयान ने उन्हें और भी चिंतित कर दिया है कि कहीं यह अंतरिम जमानत आसाराम को स्थायी राहत दिलाने का प्रयास तो नहीं है।
पीड़िता के पिता ने आसाराम की बीमारी के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आसाराम को कोई गंभीर बीमारी नहीं है, बल्कि वह सिर्फ बीमारियों का बहाना कर रहा है ताकि जेल से बाहर रह सके। उन्होंने इस संदर्भ में 2015 की एक घटना का भी उल्लेख किया, जब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आठ डॉक्टरों के एक पैनल ने एक विस्तृत चिकित्सा रिपोर्ट सौंपी थी। उस रिपोर्ट के आधार पर, आसाराम की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था। पीड़िता के पिता का मानना है कि वर्तमान में भी आसाराम उसी रणनीति का पालन कर रहा है।
यह भी पढ़ें:पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में मैथिली मृणालिनी ने मारी बाजी, 107 साल बाद छात्रा बनी PUSU की प्रेसिडेंट
पीड़िता के पिता का यह बयान उनके परिवार की व्यथा और कानूनी प्रक्रिया पर उनके अविश्वास को दर्शाता है। उन्हें लग रहा है कि उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है और आसाराम को मिल रही रियायतें उन्हें और भी पीड़ा पहुंचा रही हैं। उनका मानना है कि कानूनी लड़ाई में कमजोर पैरवी के कारण ही आसाराम को जमानत मिली है और यदि उच्च न्यायालय में समय पर अपील दायर नहीं की गई, तो न्याय की उम्मीद और भी कम हो जाएगी। यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है और पीड़िता के पिता के बयान ने इस पर एक नया मोड़ ला दिया है।
यह भी पढ़ें:Shahjahanpur News: साधन सहकारी समिति के सचिव की संदिग्ध मौत, खाद माफिया समेत 20 पर मुकदमा दर्ज