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World Everest Day: संघर्षों को पार कर मध्य हिमालय पर तिरंगा फहरा चुकी शाहजहांपुर की बेटी काजल यादव

गरीबी और जिम्मेदारियों के पहाड़ चढ़कर शाहजहांपुर की काजल यादव ने न सिर्फ मध्य हिमालय की करेरी रेंज फतेह की, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी एक नई ऊंचाई हासिल की है। विश्व एवरेस्ट दिवस पर काजल की संघर्ष गाथा हर बेटी को प्रेरणा दे रही है।

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Ambrish Nayak
Shahjahanpur news

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता 

जब इरादे साफ हों और हौसले बुलंद रहें तो कोई भी काम कठिन नहीं होता। ऐसे ही लक्ष्य निर्धारित करके काजल ने अपने हिमालय मिशन को पूरा किया था। संघर्षों को पार करके शाहजहांपुर की बेटी काजल यादव ने यह साबित कर दिया था कि बुलंद हौसले एवरेस्ट से कम नहीं होते। विश्व एवरेस्ट दिवस के मौके पर उनकी कहानी हर उस बेटी को प्रेरणा दे रही है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को थामे हुए हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा आदर्श युवा सम्मान पुरुस्कार प्राप्त करती काजल यादव Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

निवासी इंदिरा नगर कॉलोनी काजल यादव सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिता एक निजी संस्था में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं। परिवार की सबसे बड़ी संतान होने के नाते घर की जिम्मेदारियां कंधों पर रहीं, लेकिन पढ़ाई और समाज सेवा के लिए जज्बा कभी कम नहीं हुआ। काजल ने भूगोल और सामाजिक कार्य में डबल एम.ए. किया है। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने ग्रामीण बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी, 1000 से अधिक रक्तदान यूनिट जुटवाए, 3500 से अधिक पौधे लगाए और कोविड काल में 5000 से अधिक मास्क वितरित किए। महामारी के दौरान जरूरतमंदों तक राशन और दवाएं पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

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ग्रामीणों को कैंप लगाकर दवाई वितरित करती काजल यादव Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण में सक्रिय रहते हुए काजल ने 'मिशन शक्ति' के अंतर्गत कई स्कूलों और मदरसों में जाकर बेटियों की काउंसलिंग की। घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज प्रथा और मानसिक उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर उन्होंने लगातार जागरूकता अभियान चलाए। साहसिक उपलब्धियों की बात करें तो रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित एडवेंचर कैंप में काजल ने हिमाचल की धौलाधार पर्वतमाला की करेरी रेंज तक चढ़ाई कर 11,000 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया। यह चढ़ाई न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी।

उनके प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली 

2018 में गणतंत्र दिवस परेड में प्रधानमंत्री को सलामी दी।

ऑल इंडिया थिएटर फेस्टिवल में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नाटक में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री रहीं।

राष्ट्रीय युवा महोत्सव में यूथ आइकन अवॉर्ड,

राष्ट्रीय आदर्श युवा सम्मान (पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा)

सावित्री अलंकरण सम्मान और सर्वश्रेष्ठ छात्रा जैसे कई सम्मानों से नवाजी गईं।

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अब काजल का लक्ष्य है हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने के लिए काम करेगी। उनका सपना है कि समाज का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। काजल कहती हैं एवरेस्ट केवल पहाड़ नहीं यह हर उस बाधा का प्रतीक है जिसे हम आत्मविश्वास और मेहनत से पार कर सकते हैं।

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