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लावारिस बच्ची की आवाज बने Shahjahanpur के युवा advocate, सौतेली मां-बाप पर मुकदमे की मांग

शाहजहांपुर के जलालाबाद में सौतेली माता-पिता द्वारा छोड़ी गई मासूम बच्ची को हक में जिले युवा अधिवक्ता आगे आए है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मिलकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की हैं। वही एक दंपति ने बच्ची को गोद लेने के लिए बाल कल्याण समिति से संपर्क किया है।

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर में लावारिश बच्ची

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता 

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जलालाबाद क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मासूम बच्ची को उसके सौतेले माता-पिता ने भूख-प्यास की हालत में हाइवे किनारे बेसहारा छोड़ दिया। बच्ची की यह दर्दनाक स्थिति देखकर शहर के युवा अधिवक्ता आगे आए और उसे न्याय दिलाने का संकल्प लिया।

सोमवार को शाहजहांपुर के कई युवा अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर बच्ची के सौतेले मां-बाप के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए प्रार्थना पत्र में कहा कि बच्ची को इस हालत में छोड़ना गंभीर अपराध है, और दोषियों पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

बच्ची की सौतेली माता और बर्बर पिता से दो-दो हाथ करने को आतुर युवा अधिवक्ता

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 मिली इस मासूम बिटिया के हक में शहर भर से आवाज उठी है। जहां बच्ची को गोद लेने के लिए अनेक झोलियां फैली हैं, वहीं युवा अधिवक्ता समाज बर्बर पिता और सौतेली मां से दो-दो हाथ करने को तैयार है। शासकीय अधिवक्ता आशीष त्रिपाठी ने शाहजहांपुर सिटीजन ग्रुप को जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 317, जो अब बीएनएस (BNS) में धारा 93 हो गई है, के अनुसार यदि कोई माता-पिता या संरक्षक बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे को अरक्षित छोड़ता है, तो उसे सात साल तक की सजा या जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। यह अपराध संज्ञेय श्रेणी में आता है। दूसरी ओर युवा अधिवक्ता प्रियम चौहान के नेतृत्व में कुछ अधिवक्ता पुलिस अधीक्षक से मिलकर सौतेली मां और पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रयासरत हैं।

बिटिया को जीवन देने आगे आए हुसैनपुरा के विपिन और उनकी पत्नी

जलालाबाद में सौतेली माता और पिता द्वारा छोड़ी गई मासूम बिटिया को अब एक नया जीवन देने के लिए हुसैनपुरा के निवासी विपिन और उनकी धर्मपत्नी सामने आए हैं। दोनों ने बाल कल्याण समिति के मुनिश परिहार से संपर्क कर बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। उनका कहना है कि वे इस बिटिया को न केवल सुरक्षित छत देना चाहते हैं बल्कि उसे शिक्षा और प्यार से भरा उज्ज्वल भविष्य भी देना चाहते हैं। इस पहल से समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है।

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अधिवक्ताओं ने बच्ची के सुरक्षित भविष्य और दोषियों को दंडित कराने की प्रतिबद्धता जताई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही उचित कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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